दतिया। सत्येंद्र रावत
कमलनाथ सरकार भले ही प्रदेश भर में माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे हो,लेकिन सरकार के नुमाइंदे के मंसूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे है। ताजा मामला दतिया जिले के गोराघाट का है। जहां मथुरा से बीना रेलवे लाइन डाली जा रही है सिंध नदी पर चल रहे रेलवे के निर्माण कार्य में रेत माफियाओं द्वारा अवैध रेत खपाई जा रही है।जिसके कारण प्रदेश सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
जबकि खनिज विभाग के अधिकारियों को इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर शासन को हो रहे राजस्व के नुकसान को बचाना चाहिए है। साथ ही प्रकृति के साथ हो रही खिलवाड़ पर भी अंकुश लगाना चाहिए। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। जिसके कारण रेत माफियाओं के हौंसले और भी बुलंद होते जा रहे है, वहीं जब इस मामले को लेकर खनिज विभाग के अधिकारियों से बात करने को कोशिश की गई,तो वह कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे है।
वही जब रेत भंडारण की जानकारी जिला खनिज अधिकारी तिवारी से ली गई उनके द्वारा बोल मोल जवाब देते हुए अवैध रेत भंडारण से जुड़े आरबीएनएल ठेकेदारों एवं स्थानीय रेत माफियाओं को बचाते हुए नजर आए हैं जबकि जिला खनिज अधिकारी के निर्देशन पर बीते सप्ताह है स्थानीय गोराघाट पुलिस एवं माइनिंग इंस्पेक्टर घनश्याम यादव द्वारा रेलवे पुल निर्माण के लिए भंडारण की गई सामग्री को जब्त कर तीन दिवस के भीतर दस्तावेज जांचने की कार्रवाई के निर्देश स्थानीय रेलवे ठेकेदारों को दिए थे लेकिन 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी उनके द्वारा ना तो दस्तावेज दिखाए गए और ना ही कीसी प्रकार की स्वीकृति ली गई। जब इस संबंध में आधिकारियो से जानकारी ली गई. तो आजकल आजकल करते हुए नजर आए। लेकिन कार्रवाई धरातल ने दस्तावेजों से बजनी मुद्रा से दबकर दम तोड़ दिया है।