जीवन में मस्ती तो सिर्फ भगवान के नाम की होनी चाहिए : पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

Amit Sengar
Published on -

दतिया/सत्येन्द्र रावत। मध्यप्रदेश के दतिया (datia) जिले में 3 अगस्त से 8 अगस्त तक गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के संरक्षण में आयोजित पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं हनुमान कथा का आयोजन स्टेडियम ग्राउंड में आयोजित हो रहा है इस आयोजन में कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दूसरे दिन शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक दिव्य दरबार लगाया गया। जिसमें दतिया शहर वासियों के अलावा देश के कोने-कोने से आए भक्तों के समस्या का समाधान किया और निराकरण करने के सुझाव बताएं।

आगे उन्होंने कहा कि हम बागेश्वर धाम का दरबार इसलिए लगा रहे है कि, जितना भी अंधविश्वास पाखंडवाद फैला है उससे तुम बचो और बीच के माध्यम कि आपको आवश्यकता नहीं है। भक्त और भगवान के बीच किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। गुरु के चरण पकड़ कर भगवान के चरण पकड़ लो। पागलों तुम्हें किसी के पास जाने की आवश्यकता नहीं है एक बार बागेश्वर धाम जाओ एक नारियल लो और हम तुम्हारे तुम हमारे, कहो सारी बधाए दूर हो जाएगी। जब भी तुम लोगों के पास कोई विपदा आएगी सन्यासी बाबा तुम्हारे पास खड़े मिलेंगे। लेकिन दरबार तो उनके लिए है जो कहते हैं कि भगवान नहीं होते यह सब अंधविश्वास है के भगवान कपोल कल्पना है। हम तो उनकी ठठरी बांधने आए जोन हिंदी भी नही आत।

उन्होंने कहा जिस पर गुरु की कृपा हो जाती है, उसका जीवन सफल हो जाता है। जीवन में मस्ती तो सिर्फ भगवान के नाम की होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने युवाओं और बच्चे को सचेत करते हुए कहा कि नशा छोड़ दो नहीं तो तुम बर्बाद हो जाओगे।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया से चर्चा दौरान कहां तिरंगा झंडा अभियान में देशवासियों की भूमिका महत्वपूर्ण है राष्ट्र के निर्माण में संस्कृत भाषा अनिवार्य विषय में से एक होना चाहिए। वहीं लव जिहाद की भी उन्होंने निंदा की है उन्होंने कहा यदि भारत को विश्व गुरु बनाना है, तो गुरुकुल शिक्षा प्रारंभ होनी चाहिए, उन्होंने कहा की अच्छी नीति अच्छी शिक्षा इस भारत को बचा सकती है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News