देवास, डेस्क रिपोर्ट। सोशल मीडिया पर एक महिला डॉक्टर का गुस्से वाला वीडियो वायरल हो रहा है। वो जिस पर अपनी भड़ास निकाल रही है वो व्यक्ति जीप में बैठा हैं और वो उस क्षेत्र का ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) है यानि महिला डॉक्टर का अधिकारी।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो (Viral Video) देवास जिले (Dewas News) के सोनकच्छ सिविल अस्पताल (Sonkachh Civil Hospital) का है। यहाँ पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ मृणाली यादव जीप में बैठे BMO डॉ आदर्श नानेरिया पर भड़क रही हैं। वीडियो में डॉ मृणाली यादव कहते सुनाई दे रहे हैं कि 12 घंटे की ड्यूटी के बाद फिर से ड्यूटी लगा दी, हमें क्या पागल समझ रखा है। जानवर हैं क्या हम लोग।
जीप का ड्राइवर जीप आगे बढ़ाने लगता है तो गुस्से से लाल डॉ मृणाली यादव उसपर भी भड़क जाती हैं और जीप रुकवाती हैं। BMO डॉ आदर्श नानेरिया पर भड़कते हुए वे कहती है मुझे कुछ मत समझाइये मैं यहाँ बहुत कुछ हंगामा कर दूंगी, अभी रुक जाओ सर , मैंने आपके 12 नहीं बजवा दिए तो देख लेना, बच नहीं पाओगे आप।
ये पूरा घटनाक्रम चूँकि अस्पताल परिसर में हो रहा था तो किसी ने इसका वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया। अब ये वीडियो पूरे जिले में चर्चा का विषय है। ये घटनाक्रम मंगलवार का बताया जा रहा है। कहा ये जा रहा है कि सोमवार को एक महिला पथरी के दर्द से कराहती हुई सिविल अस्पताल पहुंची थी तब वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था जिसके बाद BMO ने जवाब मांगा तो डॉ मृणाली यादव भड़क गई।
इस पूरे घटनाक्रम पर जब मीडिया ने डॉ मृणाली यादव से उनके इस बर्ताव का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि BMO ने हमारी 12-12 घंटे की ड्यूटी पूरे सप्ताह की लगा दी है, ना कोई ओवरटाइम, ना कोई रेस्ट। मीडिया ने जब सवाल किया कि ये बात तो ऑफिस में भी हो सकती थी भड़कने की जरुरत क्या थी? तो डॉ मृणाली यादव ने कहा कि BMO ऑफिस में मिलते ही नहीं हैं , उन्हें समस्या बताओ से कहते हैं एसडीएम से बात करो।
उधर BMO डॉ आदर्श नानेरिया ने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी है, सरकार का भी कहना है कि हर मरीज को इलाज मिलना चाहिए, एक मामले में मेरे द्वारा डॉ मृणाली यादव को कारण बताओ नोटिस दिया गया इसलिए वे मुझ पर भड़क रही थीं। उन्होंने कहा कि डॉ मृणाली यादव मुझसे 15 साल जूनियर हैं, उनका ये व्यवहार ठीक नहीं है , मैंने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की है।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....