यह है पूरा मामला
13 मई को देवास जिले के नेमावर बस स्टैंड के पीछे किराए के मकान में रहने वाले एक ही परिवार के 5 सदस्य घर से अचानक लापता हो गए थे। इनमें ममता बाई, रुपाली, दिव्या, पूजा और पवन शामिल थे। इनका एक भाई संतोष घर से दूर मजदूरी करता है, वह पिछले दिनों घर आया था। घर पर ताला लगा होने के बाद उसने तलाशी ली पर परिजनों का पता नहीं लग पाया। फिर उसने पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वहीं लापता परिवार की बहन भारती भी पिथमपुर में कार्य करती है, उसे भी जब परिवार के लापता होने की सूचना मिली तो वह भी नेमावर आई। इसके बाद पुलिस भी लापता परिवार को तलाशने में जुट गई थी। इस घटना को करीब डेढ़ माह बीत गया था, जिसके बाद मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस ने नेमावर क्षेत्र में एक खेत पर करीब 10 फीट का गढ्ढा खोदा जिसमें सभी 5 लोगों के कंकाल पुलिस ने बरामद किए है। एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि सभी को खेत में बने एक 10 फीट के गढ्ढे से निकाला गया है। सभी की शिनाख्त भी हो गई है।
ऐसे मिला सुराग
पुलिस अलग-अलग टीम बनाकर परिवार के बारे में जानकारी ले रही थी, वहीं मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर नेमावर निवासी हुकुम सिंह चौहान खेत में हाली का काम कर रहे व्यक्ति को थाने लाकर सख्ती से पूछताछ की गई। उसने खेत मालिक के पोते सुरेन्द्र सिंह पिता लक्ष्मण सिंह चौहान, उसके छोटे भाई भुरू का नाम बताया जिस पर दोनों को थाने लाकर सख्ती से पूछताछ की तो दोनों टूट गए। पांचों गुमशुदा की लाश खुद के खेत में गढ्डा खोदकर गाड़ने की बात कही जिस पर मौके पर पुलिस ने पहुंचकर जेसीबी एवं नगर परिषद के सफाई कर्मियों कि मदद से गड्डे की मिट्टी निकालकर ममता बाई उम्र 45 वर्ष, रूपाली उम्र 21 वर्ष, दिव्या उम्र 14 वर्ष, पूजा उम्र 15 वर्ष व पवन उम्र 14 साल के शव बरामद किए।