ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जातिवाद पर साधा निशाना,जनता को बताया अपना धर्म

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देवास/हॉटपिपल्या, सोमेश उपाध्याय। 15 महीने में नोट की सरकार नोट बनाकर खिसक गई। अब वोट के लिए हाटपिपलिया याद आ रहा है। इन 15 महीनों में विकास का एक भी काम नहीं हुआ। जब मनोज चौधरी काम के लिए जाते थे तो कमलनाथ ने दरवाजा बंद कर दिया। अब जनता को कमलनाथ और दिग्गी राजा का दरवाजा बंद करना है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के नेता व राज्यसभा सांसद  ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिंगावदा में विशाल आम सभा को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा की अब जनता को विकास और विनाश में से एक को चुनना है। श्री सिंधिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा में जयकार श्रीराम की होती है, जबकि कांग्रेस के अहंकारी नेता अपनी जय जयकार करवाते हैं। सिंधिया ने आगे कहा कि जो 10 दिन में सीएम बदलने की बात करते थे, उन लोगों ने किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ नहीं कर प्रदेश के किसानों के साथ विश्वासघात किया है। शिवराज सिंह चौहान ने आते ही किसानों का फसल बीमा करवाया। पीएम किसान सम्मान निधि में 4 हजार रुपए और जोड़कर पूरे 10 हजार रुपए किसानों को दिया।वही पूर्व सीएम कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उनके जन्म स्थान पर भी सवाल किया!सिंधिया ने कहा वे और शिवराज जी तो मध्यप्रदेश में ही पैदा हुए है पर कमलनाथ बताए वे कहा पैदा हुए हुए है ?


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।