देवास, सोमेश उपाध्याय। देवास जिले के नेमावर में बीते वर्ष मई में हुए पांच लोगों के जघन्य हत्याकांड की जांच शासन द्वारा पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपी गई थी। बीते वर्ष 13 मई को दो नाबालिग भाई-बहन सहित 5 लोगों की हत्या की गई थी। आरोपियों ने बच्ची के साथ बलात्कार कर सभी शव जमीन में दफना दिए थे। उक्त मामले में थाना नेमावर द्वारा आरोपियों को पकड़ धारा 363, 306, 364, 376, 376(2) एक्स एन के तहत मामला दर्ज किया गया व चालान देवास न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। मामले की सीबीआई जांच के आदेश राज्य सरकार द्वारा दिए गए थे परंतु पुलिस द्वारा ट्रायल कोर्ट में चालान प्रस्तुत कर दिया गया था। सीबीआई द्वारा जांच किए जाने तक प्रकरण में स्थगन हेतु एवं आर्टिकल लेने के लिए जिला कोर्ट में आवेदन किया था जोकि खारिज हो गया था। इसी को ध्यान रखते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई। जो न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार सिंह द्वारा मंजूर की गई एवं जब तक सीबीआई द्वारा जाँच पूरी नही होती तब तक ट्रायल पर स्थगन कर आर्टिकल सीबीआई को देने के आदेश किए गये। भारत सरकार के सीबीआई अधिवक्ता कुशल गोयल द्वारा प्रकरण में पैरवी कर तर्क रखे गये । संभवत यह पहला मामला है जिसमें इस प्रकार का निर्णय सुनाया गया।
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यह था मामला
13 मई 2021 को रूपाली, ममता बाई, दिव्या, पवन और पूजा की हत्या कर दी गई थी, 17 मई को मृतक परिवार की सदस्य भारती ने इन पांचों के गुम होने की सूचना नेमावर पुलिस थाना में दी थी, 27 मई को पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया, 29 जून को मनोज कोरकू को पुलिस ने पकड़ा और पूछताछ में उसने बताया कि रूपाली शादी के लिए सुरेंद्र पर दबाव बना रही थी, जिसके बाद सुरेंद्र और उसके साथियों ने पांचों की सुरेंद्र के खेत पर उनकी हत्या कर दी और शवों को खेत में बने गड्ढे में डाल दिया, पुलिस ने आरोपी मनोज कोरकू, विवेक तिवारी, वीरेंद्र राजपूत, करण कोरकू, रामजकुमार, सुरेंद्र राजपूत को 30 जून 2021 को गिरफ्तार किया, इसके बाद घटना के सह आरोपी राकेश निमाड़े, धर्मेंद्र और अरविंद कोरकू को गिरफ्तार किया गया कोर्ट में विवेचना पूरी करके नौ व्यक्तियों के विरुद्ध चालान भी पेश कर दिया गया था।