Lokayukta Action : मध्यप्रदेश में सरकारी विभागों के भ्रष्ट अधिकारी- कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस लगातार शिकंजा कस रही है इसके बाद भी रिश्वतखोरी के मामले कम नहीं हो रहे हैं। आज लोकायुक्त पुलिस (इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर) ने प्रदेश में कई स्थानों पर कार्रवाई की, ऐसा ही मामला देवास जिले की सोनकच्छ तहसील का है जहाँ उज्जैन लोकायुक्त टीम ने तहसीलदार मनीष जैन व शिक्षक जय सिंह को 7 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। बताय जा रहा है कि शिक्षक तहसील कार्यालय में अटैच है।
कांग्रेस नेता ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ऑफिस में दिया आवेदन
उज्जैन लोकायुक्त से मिली जानकारी केअनुसार, फरियादी रवींद्र दांगिया निवासी सोनकच्छ जिला देवास के है यह वर्तमान में कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष पद पर है जिन्होने एक शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिया था। जिसमें शिकायत की गई थी कि प्लॉट के नामांतरण के बदले तहसीलदार के अधीनस्थ स्टाफ द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है।
तहसीलदार के अधीनस्थ स्टाफ ने मांगी 7 हजार रुपए की रिश्वत
आवेदक रवींद्र दांगिया ने आवेदन में बताया कि तहसील सोनकच्छ के पास ग्राम सांवेर स्थित एक प्लॉट के नामांतरण के लिए आवेदन दिया गया था लेकिन आज तक नामांतरण नहीं किया गया। जब तहसीलदार के अधीनस्थ स्टाफ से संपर्क किया गया तब उनके द्वारा सात हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की।
रिश्वत (Bribe) लेते तहसीलदार व शिक्षक रंगे हाथ गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक ने शिकायत का सत्यापन कराया और तो शिकायत सही पाई गई। फिर एक टीम का गठन कर ट्रैप प्लान की गई। आज 27 दिसंबर को तहसीलदार उर्वरक वितरण व्यवस्था का जायजा लेने वेयर हाउस गया था। वापस आने पर फरियादी ने रिश्वत की राशि 7 हजार रुपए बाबू जय सिंह को दे दी। बाबू ने यह राशि तहसीलदार को दी, वैसे ही लोकायुक्त टीम ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ा लिया। इस पूरे मामले में दोनों आरोपी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।