बागली में वूमेंस क्लब की अनूठी पहल, गणेश प्रतिमा में करेंगे बीजारोपण, विसर्जन के बाद खिलेंगे फूल

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बागली, सोमेश उपाध्याय। आपने पर्यावरण (Environment) को सुरक्षित करने के लिए कई तरह की पहल देखी होंगी। जिसमें पर्यावरण को बचाने और पौधारोपण करने के लिए लोग अलग-अलग तरह के कार्य करते हैं। ऐसा ही कुछ देवास (Dewas) के बागली (Bagli) में देखने को मिला। जहां वूमेंस क्लब द्वारा मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं में बीजारोपण किया जा रहा है। जिससे विसर्जन के बाद उन से पौधे निकलेंगे और पर्यावरण संवर्धन में मदद होगी।

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गणेशोत्सव को लेकर क्षेत्रभर में उत्साह का वातावरण है। इसी बीच बागली मे पर्यावरण संवर्धन के उद्देश्य से ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं में बीजारोपण के एक नए प्रयोग की शुरुआत की गई है। बागली नगर परिषद की उपाध्यक्ष लक्ष्मी हरजीत ग्रेवाल पिछले सात वर्षों से मिट्टी की ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा (eco friendly ganesh idol) का निर्माण कर लोगों को नि:शुल्क प्रशिक्षण भी देती है। ग्रेवाल ने बताया कि पीओपी से निर्मित गणेश प्रतिमाएं आसानी से नहीं गलती , तालाबों के किनारे खंडित अवस्था मे दिखाई देती है। इस कारण हमारी धार्मिक भावना भी आहत होती है और प्रकृति व जल दोनो दूषित होते है। इस पहल से धर्म का भी संवर्धन होगा और प्रक्रति का भी संरक्षण होगा।

दो वर्षों से दे रहे ऑनलाइन प्रशिक्षण
बीते 2 वर्षो से कोरोना प्रकोप के चलते ग्रेवाल के द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस वर्ष उन्होंने महिलाओं के समूह बी वॉइस सोशल वेलफेयर सोसायटी, वुमन घर से आसमा तक क्लब के बैनर तले प्रतिमाओं में फूलों व पौधे के बीज भी रखे गए। गणेशोत्सव के बाद इन्हें घर में रखे गमले में ही विसर्जित किया जाएगा। मिट्टी गलकर गमले में आ जाएगी। लक्ष्मी ग्रेवाल ने बताया कि मिट्टी के गणेश जी में वह मूंग, चना और खासकर नींबू व संतरे के बीच डालती हैं। उसके साथ प्रतिमा में रखा बीज अंकुरित होकर फूलों का पौधा बन जाएगा। जो भी प्रतिभागी इस प्रयोग के साथ गणेश प्रतिमा स्थापित करेंगे उन्हें संस्था की तरफ से ई-सर्टिफिकेट भी प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए प्रतिभागियों को बीज से अंकुरित पौधे की फ़ोटो भेजनी होंगी। बागली क्षेत्र में इस प्रकार की प्रकृति संवर्द्धन के साथ नवाचार से जुड़ी पहल की प्रसंशा की जा रही है!

क्या कहते है ज्योतिष व वेदाचार्य
वाग्योग चेतना पीठम संस्कृत विद्यालय के प्रमुख आचार्य प.कनिष्क द्विवेदी ने बताया कि शास्त्रों में भी मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा अर्चना का वर्णन आता है। इसलिए पूजा में मिट्टी का ही सर्वाधिक महत्व है प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमा का नहीं। धर्म शास्त्रों में मिट्टी से बनी मूर्ति को ही पवित्र और शुद्ध माना गया है। इसी से इच्छित फल प्राप्ति होती है।

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ की अपील
प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं आसानी से नहीं गलती है। यह प्रतिमाएं जलाशय व प्रकृति दोनो प्रदूषित करती है। इसलिए एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ भी आपसे मिट्टी की गणेश प्रतिमा या ईको फेंडली गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अपील करता है।

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Harpreet Kaur

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