देवास, सोमेश उपाध्याय। श्रावण माह में शिव भक्तों का उत्साह चरम पर रहता है। शिवालयों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहता है और श्रद्धालु शिव अभिषेक करते है। परन्तु मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के देवास जिले में एक ऐसा प्राचीन शिवालय है, जहां भगवान शिव का अभिषेक स्वयं माँ नर्मदा करती है। बागली तहसील मुख्यालय से 3 किमी दूर स्थित विद्यांचल पर्वत माला के मध्य प्रकृति की गोद में बसा प्राचीन जटाशंकर तीर्थ स्थल पर भगवान जटाशंकर का वर्ष प्राकृतिक गोमुख से जलाभिषेक होता है। लोगो की मान्यताओं के अनुसार यह नर्मदा का जल है, धाराजी के जल और यहां के जल का स्वाद भी एक समान है। बताया जाता है कि रामायण काल के दौरान गिद्धराज जटायु द्वारा यहां पर तपस्या की गई थी, इसी के चलते इस तीर्थ स्थल का नाम जटाशंकर हुआ।
श्रावण माह के दौरान बड़ी संख्या में यहां पर श्रद्धालु आते हैं। खासकर श्रावण सोमवार के दिन बड़ी संख्या में क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं और भगवान जटाशंकर का पूजन करते हैं। साथ ही अन्य पर्वों पर भी यहां भव्य आयोजन होता है। यहां भगवान श्री राम, राधा कृष्ण और हनुमान जी का सुंदर विग्रह भी है। साथ ही वर्षो से यहाँ अखण्ड रामायण पाठ भी किया जाता है।