Dhar News : चुनावी वर्ष और वादों की भरमार वाले मध्यप्रदेश में इन दिनों अन्नदाताओं को प्याज कोड़ियों के भाव बेचनी पड़ रही है। किसानों को इन दिनों प्याज़ जमकर रूला रहा है। आलम यह है कि किसान जब बाजार में प्याज को बेचने जा रहा है तो मूल लागत तो दूर, उसकी हम्माली, भाड़ा भी निकलना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। ऐसा ही मामला धार जिले के दसई का है जहाँ एक किसान की प्याज की फसल बारिश में खराब हो जाने के बाद उपज के सही दाम नहीं मिलने के कारण दो बीघा के प्याज पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
यह है पूरा मामला
किसान सुनील पाटीदार ने बताया कि मैंने पांच बीघा में प्याज लगाया है लेकिन बेमौसम बारिश ने पूरी फसल को खराब कर दिया ऐसे में सरकार से यही चाहते हैं कि एमएसपी पर किसानों की फसल खरीद ली जाए ताकि कोई नुकसान न हो। प्याज की खेती में 40000 रुपये प्रति बीघा का खर्च आता है. लेकिन मंडी में किसान को एक बीघे के 10 हजार रुपये ही मिल रहे हैं। किसान को तो वैसे भी घाटा हो रहा है तो सरकार से हम यही चाहते हैं कि किसान की फसल एमएसपी पर खरीदी जाए।
उन्होंने आगे कहा कि सब्जी की फसल भी एमएसपी पर खरीदें ताकि किसान को बेचने में दिक्कत ना हो और घाटे की खेती न करना पड़े। समर्थन मूल्य का रेट 20 रूपए होना चाहिए क्योंकि लागत बढ़ गई है तो 20 रूपए होना चाहिए क्योकि डीजल बढ गया, खाद का भाव बढ गया। सिर्फ किसान का प्याज ही मंडी में 2 रूपए से लेकर 6 रूपए तक बिक रहा है। मैंने 5 बीघा का प्याज लगाया था जिसमें से 3 बीघा का प्याज खराब हो गया।
धार से मो अल्ताफ़ की रिपोर्ट