बैतूल, वाजिद खान। मध्य प्रदेश के बैतूल जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक प्रसूता गेट पर तड़पती रही, यहां तक कि उसका प्रसव होने के बाद बच्चा फर्श पर पड़ा रहा। लेकिन अस्पताल के अंदर से ना ही कोई भर्ती कराने आया और न महिला को अंदर ले जाने की जहमत किसी ने उठाई। ड्यूटी डाक्टर अब जांच कराने की दुहाई दे रहे है।
जिला अस्पताल में सोमवार की रात करीब 11 बजे यहां ट्रामा सेंटर के मुख्य द्वार पर एक प्रसूता डिलीवरी के लिए तड़पती रही, लेकिन उसे न तो कोई अंदर ले गया और न भर्ती कराया। सामने मौजूद कुछ युवकों के हल्ला मचाने के बाद लेबर रूम का स्टाफ नीचे उतरा और फिर महिला को अंदर ले जाया गया। दरअसल बोड़ी गांव की वृद्धा मुन्नी बाई प्रसव पीड़ा से तड़पती अपनी बेटी को लेकर एम्बुलेंस से जिला अस्पताल पहुंची थी। यहां एम्बुलेंस चालक ने प्रसूता को गेट पर ही उतार दिया और साथ आई वृद्धा को पर्ची बनवाने ट्रामा सेंटर से दूर मुख्य अस्पताल भेज दिया। इस बीच एम्बुलेंस वापस हो गयी और प्रसूता अकेले ही गेट पर आधा घंटे तक तड़पते रही। यहां तक कि वह खून से लथपथ हो गयी और उसकी प्रसूति गेट पर ही हो गई। इसे देखकर वहाँ मौजूद कुछ युवक व्हील चेयर ले आये लेकिन महिला की हालत इतनी गंभीर थी कि वे भी उसे उठाने या अंदर ले जाने की हिम्मत नही जुटा सके। आखिर हल्ला मचने के बाद लेबर रूम से आई स्टाफ ने उसे अंदर ले जाकर भर्ती किया। घटना के दौरान गेट पर न तो गार्ड तैनात था और न वार्ड बॉय। गार्ड के मुताबिक वो एक पेशेंट को लेकर अंदर गया था। जबकि वहाँ कभी कोई वार्ड बॉय तैनात ही नही रहता है। वृद्धा और प्रत्यक्षदर्शी की माने तो रक्तस्राव से महिला की जान भी जा सकती थी। वही अगर महिला पैदल चल रही होती तो उसका बच्चा गिरकर मर सकता था। ड्यूटी डाक्टर इसे एम्बुलेंस की लापरवाही बता रहे है और जांच करने की बात कर रहे है ।
प्रसूता की माँ मुन्नी का कहना है कि बेटी को दिन भर से दर्द हो रहा था। एंबुलेंस से लेकर आए हमको पर्ची बनाने के लिए भेजा। हम बेटी को गेट पर ही छोड़ गए, गेट पर ही डिलेवरी भी हो गई। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता नही आई और कोई भर्ती करने नही आया।
मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी पीयूष का कहना है हम यहां बेंच पर सो रहे थे। एक एंबुलेंस आई गर्भवती महिला और उसकी मां को छोडक़र मां से बोला की पर्ची बना कर लाओ और एम्बुलेंस वापस चली गई। महिला तड़प रही थी और बच्चा हो गया अस्पताल से कोई नही आया।
वहीं ड्यूटी डाक्टर रंजीत राठौर का कहना है कि कोई लापरवाही नहीं है। डिलीवरी वार्ड बना हुआ है, एंबुलेंस स्टाफ की जिम्मेदारी होती है कि पर्ची बनवा कर लाएं और गर्भवती महिलाओं को भर्ती कराएं। अगर एंबुलेंस के स्टाफ ने भर्ती नहीं कराया है तो इसकी उच्च अधिकारियों से बात करके जांच करवाएंगे और भी जो लापरवाही सामने आई है उसकी भी जांच होगी।