डिंडौरी। प्रकाश मिश्रा।
डिंडौरी नगर परिषद् द्वारा वार्ड 11 के रैन बसेरा से मुख्य मार्ग तक बनाई जा रही लगभग दो सौ मीटर सीमेंट कंक्रीट सड़क नगर परिषद् की लापरवाही से विवादों में घिरती नजर आरही है | नगर परिषद् की लापरवाही से बिना भूमि का सीमांकन किये तथा वार्डवासियों की सहमति के बनाई जारही सड़क के बीच में ही निजी भूमि स्वामी द्वारा अपना मकान बना लेने से सड़क का निर्माण कार्य बंद करना पड़ा है। वही लाखों रुपये की शासकीय राशि बिना सोचे समझे खर्च कर नगर परिषद् विकास के नाम पर खर्च कर बन्दर बाँट कर सवालों के घेरे में खड़े हो गई है।मामले में जिम्मेदार लोग गोलमोल जवाब दे बचते नजर आ रहे हैं बाद में समस्या का शीघ्र हल निकल लेने की बात कर रहे है |
वार्ड नंबर 11 के पार्षद और नगर परिषद् के उपाध्यक्ष महेश पराशर ये तो मानते है की जिस भूमि में सड़क बनाई जा रही थी वो वर्षों से ग्रीषम सिंह के नाम की है जिसको उपयोग वे नहीं करते थे खाली भूमि पड़ी होने के कारण सड़क का निर्माण किया जा रहा था अब जब रोक लगा दी गई है तो आपसी समझौता कर रास्ता निकलने का प्रयास किया जा रहा है |
वार्ड 11 ने निवासियों के अनुसार सड़क निर्माण का कार्य बंद होने और बीच में माकन बन जाने से उनके आने जाने का रास्ता ही बंद हो गया है मुश्किल तो हो रही है अब नगर परिषद् ही कोई हल निकले जिससे हमारे आने जाने का रास्ता बन सके |
निजी भूमि स्वामी लोकेश पराशर का कहना है की मेरी पैतृक भूमि में जबरन कब्ज़ा कर नगर परिषद् और वार्ड मेंबर मुझे धमाका रहे है सड़क निर्माण के लिए मेरे सहमति है पर कुछ भूमि दूसरे के भी ली जाये और मेरे मकान के लिए भी जगह रहने दी जाये सड़क निर्माण के पहले कोई सहमति भी नहीं ली गई और नहीं मुआवजा राशि दी गई जबरन कब्ज़ा किया जा रहा हे |
नगर परिषद् अध्यक्ष पंकज तेकाम ने निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण की बात पर गुणवत्ता में सुधर लाने के साथ ही वार्ड 11 में सड़क निर्माण में हुई बाधा को दूर करने के लिए भूमि का सीमांकन करने की बात कही है किन्तु निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पहले सर्वे तथा सहमति नहीं कराये जाने पर गोलमोल जवाब दे खाली पड़ी भूमि पर ही सड़क निर्माण कराया जा रहा था अब समस्या का निदान कर लिए जाने की बात कही है | वही नगर परिषद् के सीएमओं भी अपनी गलती को छिपाते हुए भूमि का सीमांकन करने की बात कर निर्माण कार्य के प्रारंभ में खाली पड़ी भूमि की बात कर सवालों के गोलमोल जवाब दे बचते नजर आये | अब देखना ये है की नगर परिषद् की लापरवाही से शासन के लाखों रूपये खर्च करने के बाद भी ये सड़क कब पूरी होगी और यहाँ के निवासियों को विकास के नाम पर कब तक परेशानी ही झेलनी पड़ेगी |