डिंडौरी। प्रकाश मिश्रा।
प्रदेश में काबिज कांग्रेस की कमलनाथ सरकार महिला और आदिवासी विरोधी है जिसका प्रमाण आज सरकार द्वारा मेरे साथ किया गया अन्याय है।दरअसल ज्योति प्रकाश धुर्वे जिला पंचायत अध्यक्ष होने के नाते आज आयोजित शबरी जयंती और आदिवासी सम्मेलन के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी लेकिन सभा स्थल पर जाने के बाद उन्हें मंच पर जाने से रोका गया जिसका उन्होंने प्रतिरोध किया ।जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने पुलिस बल के माध्यम से मेरी आवाज को दबाने का प्रयास किया जिसकी मैं निंदा करती हूं।
धुर्वे ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं आदिवासी को मुंह चलाना चाहिये लेकिन आज जब मैं जनप्रतिनिधि होने के नाते वहां पहुंची तो पहले तो मुझे अपमानित किया गया और बाद में सभा स्थल से बाहर निकाल दिया गया ।जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री में इतना साहस नहीं था कि वह मुझ जैसी एक सामान्य आदिवासी महिला का सामना कर सकें उन्होंने तानाशाही रवैया अपनाते हुये यह सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस हमेशा आदिवासी और महिला विरोधी रही है।
हंगामे के बीच मंच पर उपस्थित मध्य प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री तरुण भनोट सभा में विरोध दर्ज करा रही जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति धुर्वे के पास पहुंचे और उन्हें समझाने का प्रयास किया।जिला पंचायत अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि शबरी जयंती और आदिवासी सम्मेलन के आयोजन को लेकर जनता के पैसों की होली खेली गई है यहां पर पिछले एक सप्ताह से पूरे प्रशासन को हलाकान कर रखा गया है मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व ही सैकडों की संख्या में पथ विक्रेताओं को उनकी दुकानों सहित हटाया गया रविवार को पूरे बाजार में यातायात को रोक दिया गया। छोटे व्यवसायियों के पेट में लात मारने का काम प्रदेश की सरकार के इशारे पर प्रशासन ने किया यहां तक कि आॅटो वाहनों को भी सख्ती से रोक दिया गया।
जिला प्रशासन पर भी प्रदेश सरकार के मंत्री के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में डूब प्रभावित क्षेत्रों में सशस्त्र बल तैनात कर ग्रामीणों को गांव में ही नजरबंद किया गया। वहां पर किसी भी तरह के वाहन नहीं पहुंचने दिये गये गांव में लोगों को कैद रखा गया। उनका कहना था कि मैंने जिले में हुये हैण्डपंप घोटाले, विकास कार्य अवरूद्ध होने सहित विभिन्न विभागों द्वारा किये गये भ्रष्टाचार को उजागर करने का प्रयास किया लेकिन मेरी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया। मुख्यमंत्री अपनी सभा से आदिवासियों को सीधा सरल बताते हैं लेकिन आज जब मैं आदिवासी महिला हितों की आवाज बनने का प्रयास कर रही थी तो उन्होंने मेरी आवाज को दबाया। शबरी माता के प्रति कथित श्रद्धा दिखाई लेकिन आदिवासी महिला का अपमान कर इन्होंने बता दिया कि यह आदिवासी महिलाओं को किस नजरिये से देखते । 45 साल तक आदिवासियों का शोषण करने वाली कांग्रेस पार्टी 15 साल के भाजपा शासन काल का हिसाब मांग रही है आज जिन सडकों पर प्रदेश की सरकार के नेता चल रहे हैं वह भाजपा की ही देन है।
बजट न होने का रोना रोने का आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि 2004 में जब प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जनता ने बाहर का रास्ता दिखाया था तो प्रदेश का खजाना खाली था लेकिन भाजपा सरकार कभी मंचों से रोई नहीं और पूरे 15 साल तक प्रदेश में हितग्राही मूलक योजनाओं सहित विकास कार्यों से अपनी पहचान बनाई। कमलनाथ की यह सरकार खजाना खाली होने का रोना रोते हुये स्थानांतरण उद्योग चलाने और जनता का इसी तरह करोडों रूपये बर्बाद करने में व्यस्त है।