दोहरा हत्याकांड, 12 घंटे बाद भी हत्या के आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर, 10 हजार का ईनाम घोषित

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। कटंगी थाना के बेलखाडू पड़ाव में हुई मां-बेटे की दोहरी हत्या के 12 घंटे बाद भी आरोपियो से पुलिस अभी कोसों दूर है, लिहाजा एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने आरोपियो पर 10 हजार रु का ईनाम घोषित किया है।

दरअसल, आज कटंगी थाना प्रभारी को सूचना मिली कि पड़ाव में बुजुर्ग माँ बेटे की धारदार हथियार से हत्या हो गई है, जिसके बाद उन्होंने एसपी को सूचना दी कुछ ही देर में एसपी भी पड़ाव गाँव पहुँच गए। जानकारी के मुताबिक बेलखाडू पड़ाव में मुन्नालाल चौबे उम्र 62 वर्ष एवं उनकी मां गैंदा बाई चौबे उम्र 85 वर्ष दोनो साथ मे रहते थे। आज दोनो ही घर पर मृत अवस्था मे मिले। प्रथमदृष्टया दोनों के सिर में गले में धारदार औजार मारकर हत्या की गई है।

मृतक गेंदा बाई चौबे जहां अपनी झोपड़ी के कमरे में पड़ी मिली जिनके गले में धारदार औजार की चोट है, तथा मुन्नालाल चौबे अपनी झोपड़ी के पीछे बाड़ी के किनारे मृत देखा गया। उसके भी सिर व गले में धारदार औजार की चोट थी। जानकारी लगते ही पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध/शहर दक्षिण गोपाल खाण्डेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शिवेश सिंह  बघेल एवं एसडीओपी पाटन देवी सिंह, उप पुलिस अधीक्षक अपराध/ नगर पुलिस अधीक्षक कैंट श्रीमति भावना मरावी तथा एफएसएल की टीम एवं डॉग स्क्वाड घटना स्थल पहुंचे।

पुलिस अधिकारियों एवं एफएसएल टीम की उपस्थिति में घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण करते हुये पंचनामा कार्रवाई कर शवों को पीएम हेतु भिजवाते हुये अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भादवि का अपराध पंजीबद्ध करते हुये प्रकरण विवेचना मे लिया गया। घटना को गम्भीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा द्वारा अज्ञात आरोपी की पतासाजी एवं उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रूपये ईनाम की घोषणा की गई है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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