आज चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन की 103वीं ई संगोष्ठी हुई, जिसमें बच्चे, विषय विशेषज्ञों के साथ भाजपा, कांग्रेस प्रवक्ता भी शामिल हुए। आपको बता दे, इस कार्यक्रम की खासियत ये है कि ये त्रिपुरा,असम,हरियाणा,छत्तीसगढ़,मप्र (रीवा,सतना) से भी फाउंडेशन के बच्चों से सीधा संवाद करते है और बच्चों की विभिन्न जिज्ञासाओं को शांत करते है। इस ई संगोष्ठी का सञ्चालन डॉ कृपाशंकर चौबे द्वारा किया गया।
आज हुए इस कार्यक्रम में राजनीतिक दलों के एजेंडे में बच्चों के विषय बुनियादी रूप से रखे गए। बच्चों के विषयों पर भाजपा की ओर से प्रदेश प्रवक्ता की ओर से अपनी राय दी गई। जी हां, राजनीतिक दलों के एजेंडे पर भाजपा की ओर से प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा औऱ कांग्रेस का पक्ष संगीता शर्मा ने अपनी राय रखी। इसके अलावा नशा मुक्ति पर चर्चा करते हुए शुद्धि नशा केंद्र भोपाल के प्रभारी राजीव तिवारी समेत फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र शर्मा,सचिव डॉ कृपाशंकर चौबे,श्रीमती राधा मिश्रा,अरविंद खुरानिया ने भी इस कार्यक्रम में जुटे देशभर के बच्चों को मार्गदर्शन दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के समय बाल संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक कार्य किये गए। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में आंगनवाड़ी समुन्नत से लेकर मिलावटखोरों के अगेंस्ट शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया था ये इसलिए क्योंकि बच्चों को घर में शुद्ध आहार दिलाया जा सके।
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इसके अलावा संगीता शर्मा ने कहा कि नगरीय निकाय के एजेंडे में भी पार्टी ने बाल हित के अनेक तथ्य रखे। आगे नेहा बग्गा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने देश में पहली बार बच्चों के लिए चाइल्ड बजट पेश किया और इस मामले में नजीर खड़ी की है। सरकार ने अटल पोषण मिशन औऱ लाडली लक्ष्मी के साथ कई योजनाएं निकाली जिसके माध्यम से सरकार बच्चों के बचपन को सशक्त बनाने के लिए सुपुर्द है।
जानकारी के मुताबिक, आगे फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र शर्मा ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि राजनीतिक दलों के एजेंडे में बच्चे इसलिए शामिल होना पसंद नहीं करते क्योंकि वो वोटर नहीं है। लेकिन सच्चाई ये है कि देश में कुल 41 फीसदी आबादी 18 साल से कम उम्र वालों की है। आगे उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दलों और सिविल सोसायटी का ये दायित्व होता है कि बच्चों के प्रश्नों पर पूरी तरह से अच्छे प्यास और नीतियों के साथ समवेत रहा जाए।
अमेरिका की कुल आबादी के बराबर भारत में नशा करने वाले लोग –
शुद्धि नशा मुक्ति केंद्र के संचालक राजीव तिवारी ने इस पर कहा कि बच्चे जब खुद को अकेला पाते है तो वह गलत राह चुन लेते है। या फिर भटक जाते है। ऐसे में नशाखोरी भी इन्हीं का नतीजा है। दरअसल, देश में करीब 28 करोड़ लोग नशे में गिरफ्तार हुए है। इसमे से 16 करोड़ शराब और 12 करोड़ लोग अन्य प्रकार के नशे के आदि लोग थे। देश में जितने लोग नशा करते है उसकी कुल आबादी अमेरिका की आबादी के बराबर है। देश मे साढ़े सात करोड़ लोग नशे के चलते न केवल स्वयं बल्कि परिवार और समाज के लिए नुकसान बने है।