गुना : पत्नी से इतना प्यार की घर में ही पति ने खोद दिया 31 फीट कुआं, जानिए पूरा मामला

Gaurav Sharma
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गुना,डेस्क रिपोर्ट। जिस तरह दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी के लिए 25 फीट ऊंचे पहाड़ को काट दिया था उसी तर्ज पर गुना के एक व्यक्ति ने अपनी बीवी के लिए कुआं खोद दिया है। पूरा मामला गुना के भानपुर बाबा गांव का है जहां 46 उम्र के भरत सिंह ने 39 साल की अपनी बीवी के लिए 31 फीट कुआं खोद दिया है। दरअसल भारत सिंह की बीवी को आधा किलोमीटर दूर चलकर हैंडपंप से पानी भर के लाना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती थी। अपनी पत्नी की इसी परेशानी को देखते हुए भारत सिंह ने घर पर ही 31 फीट गहरा कुआं खोद दिया। भारत सिंह के अपने बीवी के लिए इस प्यार को देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है और तो और कलेक्टर ने भी उनको सलाम किया है।

चाचौड़ा जनपद के भानपुर गांव में रहने वाले भारत सिंह की पत्नी सुशीलाबाई को 500 मीटर दूर जाकर हैंडपंप से पानी भर कर लाना पड़ता था और तो और हैंडपंप के खराब हो जाने के कारण कई भार परेशान होकर पत्नी को बिना पानी के ही घर लौटना पड़ता था। अपनी पत्नी की इसी परेशानी को देखकर भारत सिंह ने घर में ही कुआं खोदने की योजना बनाई।

गुना : पत्नी से इतना प्यार की घर में ही पति ने खोद दिया 31 फीट कुआं, जानिए पूरा मामला

भारत सिंह ने महज 15 दिन 31 फीट गहरा और साढ़े 4 फीट चौड़ा कुआं खोद दिया। वही कुआं को पक्का कर उससे अपनी आधा बीघा जमीन भी संचित कर ली। वहीं कुआं खोदने को लेकर भारत सिंह कहते हैं कि वह कई दिनों से अपनी पत्नी को परेशान देख रहे थे। वही एक बार पत्नी हैंडपंप से पानी भरने गई थी, लेकिन हैंडपंप की चेन टूट जाने के चलते वह घर वापस बिना पानी के ही लौट आई। उस दिन वह काफी उदास थी। उसकी उदासी देखो मैंने ठान लिया कि मैं घर में ही कुआं खोद दूंगा।

वही कुआं खोदने को लेकर अपनी पत्नी की प्रतिक्रिया को बताते हुए भारत सिंह कहते हैं कि जिस दिन घर के बाहर कुआं खोदने के लिए फावड़ा और खेती चलाया तो यह देख पत्नी हंसने लगी। पत्नी का कहना था कि वह कुआं नहीं खोद पाएंगे और पत्नी के इसी बात ने मेरे फैसले को और मजबूत कर दिया और मैंने 5 दिन के अंदर ही 12 हाथ का कुआं खोद दिया। वही अपने पति द्वारा खोदे गए कुआं को लेकर सुशीला बाई कहती हैं कि ऐसा पति मिलना सौभाग्य की बात है। जीवन में पैसा ही सब कुछ नहीं होता, ऐसा प्रेम करने वाला पति सिर्फ किस्मत वालों को ही मिलता है। वह इस पूरे मामले को लेकर जिला कलेक्टर कहते हैं कि भारत सिंह को पीएम आवास योजना के तहत घर दिलाया जाएगा साथ ही शासन द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ भी निश्चित किया जाएगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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