उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। साल 2021 ख़त्म होने वाला है 2022 आने वाला है। महाकाल (Mahakal) के भक्त इस दिन उनके दर्शनों से साल की शुरुआत करते हैं, गर्भगृह (Garbhgrah) में जाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं लेकिन इस बार महाकाल के भक्तों को मायूसी हाथ लगने वाली है। भक्तों की बढ़ती संख्या और कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मंदिर समिति ने तय किया है कि 30 दिसंबर 2021 से 3 जनवरी 2022 तक भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा
साल के अंतिम दिनों में बाबा महाकाल के भक्तों की संख्या बढ़ने लगती है और नए साल के पहले सप्ताह तक मंदिर में भारी भीड़ रहती है। इस बार भी स्थिति कुछ ऐसी ही है और फिर कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते भी मन्दिर प्रबंधन एहतियात बरत रहा है।
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मंदिर प्रबंधन समिति ने फैसला किया है कि 30 दिसंबर 2021 से 3 जनवरी तक 2022 तक भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा। गर्भगृह में केवल पुजारी, पुरोहित और मंदिर कर्मचारी ही जा सकेंगे। भक्तों को नंदी मंडप के पीछे गणेश मंडप से महाकाल के दर्शन होंगे। मंदिर में प्रवेश भी उन्हीं लोगों को दिया जा रहा है जिन्होंने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हैं।
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भस्म आरती और शयन आरती में लग चुकी है रोक
कोरोना के बढ़ते संक्रमण और ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए प्रदेश में लागू नाइट कर्फ्यू के कारण महाकाल की भस्म आरती और शयन आरती में भक्तों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। मंदिर समिति ने दर्शनों के समय में भी परिवर्तन किया है। अब दर्शन करने वालों को सुबह 6 बजे से रात को 9 बजे तक ही अनुमति दी जा रही है।