मनमानी से भड़के किसान, कच्ची आढ़त और मल्हार के विरोध में लगाया जाम

Atul Saxena
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डबरा, सलिल श्रीवास्तव। डबरा कृषि उपज मंडी में कच्ची आढ़त  की बढ़ती प्रथा और मल्हार लगाने को लेकर एक बार फिर किसान आक्रोशित हो गए और मंडी गेट के बाहर जाम लगा दिया। डबरा कृषि उपज मंडी में आढ़तिये अपनी मनमानी पर उतारू हैं और किसानों को शिकार होना पड़ रहा है। किसान जाम लगाए बैठे हुए हैं पर अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी अभी तक मौके पर नहीं पहुंचा है।

मनमानी से भड़के किसान, कच्ची आढ़त और मल्हार के विरोध में लगाया जाममनमानी से भड़के किसान, कच्ची आढ़त और मल्हार के विरोध में लगाया जाम

आपको बता दें कि डबरा कृषि उपज मंडी ए ग्रेड की कृषि मंडियों में शामिल है।  यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली पहुंचते हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश भर में कच्ची हालत आढ़त बंद है पर यह सिर्फ डबरा में चालू है, जिसका खामियाजा किसानों को अपनी फसल बेचने के दौरान उठाना पड़ता है।

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किसानों का कहना है कि डबरा मंडी में कच्ची पर्चियों के माध्यम से खरीद-फरोख्त होती है। आढ़तिये पहले सैंपल देखकर कुछ भाव देते हैं और जब ट्रॉली खुलती है तो उस अनाज को खराब बताकर मल्हार लगाकर किसानों को भारी क्षति पहुंचाते हैं।  किसानों की मांग है कि मल्हार की प्रथा पूरी तरीके से बंद की जाए।

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आक्रोशित किसानों ने डबरा भितरवार मार्ग पर जाम लगा दिया है और मंडी में खरीद-फरोख्त पूरी तरीके से बंद करा दी है इस दौरान दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें भी लग चुकी है क्योंकि सोमवार का दिन है और आज छुट्टी के बाद मंडी खुली है इस कारण भारी संख्या में किसान आज अपनी फसल बेचने डबरा पहुंचे हैं जिसका फायदा आढ़तिये उठाना चाहते हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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