Farmer’s Protest : कृषि कानूनों में सुधार की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ का धरना,सैकड़ो किसान हुए शामिल

Gaurav Sharma
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बैतूल, वाजिद खान। किसान बिल (Agriculture Bill) को लेकर एक छोर पर जहां किसान (Farmers) इस बिल को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए है, वहीं दूसरे छोर पर केंद्र सरकार (Central Government) इस बिल में संसोधन करने तो तैयार है पर इस बिल को वापस नहीं लेने की बात कह रही है। वहीं आज बैतूल में किसान बिल (Agriculture Bill) में सुधार किये जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Association) का एक दिवसीय  धरना प्रदर्शन (Protest) किया गया, जिसमें सैकड़ो किसान (Farmers) शामिल हुए और बिल को सुधारने की मांग करते नजर आए।

दरअसल, मध्यप्रदेश के बैतुल में केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि कानूनों में सुधार करके लागू किये  जाने की  मांग को लेकर भारतीय किसान संघ ने भी मोर्चा खोल दिया है। जिसके तहत भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। जिले के किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है ।

भारतीय किसान संघ के ज्ञापन में किसान बिल में सुधार के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी और उससे कम पर खरीदी करने वालो के खिलाफ जुर्माने का प्रावधान, निजी व्यापरियों का राज्य और केंद्र स्तर पर पंजीयन, स्वतंत्र कृषि न्यायालय, फसल बीमा में खेत को इकाई मानना  ओर सरकार सार्वजनिक   विभागों रेल, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग का निजीकरण से ध्यान हटाकर अपनी पूर्ण ज़िम्मेदारी निभाये जाने की बात कही गई ।

इसके अलावा भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री को भी समस्याओं से अवगत कराते हुए लिखा है कि 2018 मंडी में  सोयाबीन,मक्का की  फसल विक्रय पर पांच सौ रुपये क्विंटल फ्लेट रेट,  राज्य सरकार द्वारा कर्ज़ माफी का पैसा अविलम्ब खातों में डाला जाए, गन्ना किसानों को 70 रुपये बोनस तथा जिले में खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जाये ।

 

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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