Indore News : इंदौर में लुटेरो का आतंक महिलाओं को बनाया जा रहा है टारगेट, दो महिला हुई जख्मी।

इंदौर,आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में अभी हाल ही में सरकार द्वारा पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू किया गया था , जिसके बाद माना जा रहा था कि अब इन दोनों जिलों में अपराधों का ग्राफ कमजोर होगा। लेकिन इंदौर जिले में घट रही आपराधिक घटनाओं के बाद यह कहना थोड़ी जल्दी होगी। इंदौर जिले में इस वक़्त अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद है कि उन्हें न तो शासन का दर बचा है न ही प्रशासन का। वारदातों को लगतार अंजाम देकर लगता है मानो वो पुलिस को कह रहे हैं कि हम इस ग्राफ को किसी भी सूरत में कमजोर नही होने देंगे।

यह भी पढ़ें…अच्छी खबर : एक बार फिर बड़ा भारत का मान प्रधानमंत्री को मिला भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 

दरअसल, आर्थिक राजधानी इंदौर में बेखौफ बदमाशो ने सिलसिलेवार एक के बाद एक तीन लूट को सरेराह अंजाम देने का प्रयास किया।। वही दो पहिया वाहनों पर सवार लुटेरो द्वारा पर्स लूट की वारदात को अंजाम देते वक्त दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई है। घायल महिलाओं में एक महिला एडवोकेट है तो दूसरी स्कूल टीचर है। इसके अलावा लुटेरो ने दो पहिया वाहन पर जा रही एक अन्य महिला के पर्स को भी लूटा है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।