अच्छी खबर: रिक्शा चालक की सजगता से बची मासूम की जिंदगी, पुलिस ने किया सम्मानित

Atul Saxena
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इंदौर, आकाश धोलपुरे।  महज चार की साल की मासूम बेटी (innocent girl) पर एक सिरफिरे की नजरें ऐसी पड़ी कि उसने उसका अपहरण करने की ठान ली लेकिन एक रिक्शा चालक (Rickshaw Driver)  की सजगता के चलते मासूम बेटी को बचा लिया गया और आरोपी के मंसूबों पर पानी फिर गया। अब आरोपी पुलिस (Indore Police)  की गिरफ्त में है और रिक्शा चालक की सजगता और होशियारी के चलते उसका सम्मान किया गया है ।

घटना इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र के रोबोट चौराहा के पास की है। जहां आदतन तौर पर बुरी नियत रखने वाले एक 23 वर्षीय युवक ने खेल रही चार साल की मासूम का अपहरण कर उसे कहीं ले जाने की योजना बनाई। घटना, शुक्रवार शाम की बताई जा रही है, युवक बच्ची को अपने साथ ले जाने लगा, इसी दौरान एक रिक्शा चालक मौके से गुजर रहा था और जब उसने युवक को बच्ची को ले जाते देखा और युवक के इरादों पर जब उसे शक हुआ तो उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर बच्ची का रेस्क्यू कर उसे उसके परिजनों तक पहुंचाया।

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एडिशनल एसपी राजेश रघुवंशी के मुताबिक घटना के वक्त रिक्शा चालक दिलीप पंवार गुजर रहा था और उसी दौरान उसने आरोपी के बुरे इरादों को भांपते हुए पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर बच्ची के रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। पुलिस की माने तो 23 वर्ष युवक आवारा है और नशे का आदी है।  उसकी इन्ही हरकतों की वजह से उसके घरवालों ने भी उसे घर से बाहर निकाल दिया है।

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पुलिस ने मामले की गम्भीरता को देखने के साथ ही जांच और पूछताछ के बाद आरोपी युवक के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। इधर, पुलिस ने सजग रिक्शा चालक को सम्मानित कर लोगों से अपील की है कि यदि इसी तरह से लोग सजग रहें और पुलिस को सूचित करें तो कई वारदातों को रोका जा सकता है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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