ग्वालियर, अतुल सक्सेना। स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल ग्वालियर (Gwalior) की तस्वीर दिन ब दिन बदल रही है। शहर के लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएँ जुटाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी (Gwalior Smart City Company) शहर को खूबसूरत बनाने का काम भी कर रही है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी इस समय शहर की दीवारों पर “वॉल आर्ट” (Wall Art) बनवाकर शहर की खूबसूरती में चार चाँद लगवा रही है।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी (Gwalior Smart City Company)द्वारा शहरवासियों के जीवन को बेहतर व सुगम बनाने हेतु विभिन्न परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। साथ ही शहर को खूबसूरत बनाने के लिए विभिन्न स्थलों को “वॉल आर्ट” के माध्यम से सुंदर बनाया जा रहा है। ग्वालियर शहर के माधव नगर तथा एजी ऑफ़िस पुल पर ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा आकर्षकऔर खूबसूरत “वॉल आर्ट” (Wall Art) की जा रही है। माधव नगर की बाउंड्री वॉल पर जहाँ भरतनाट्यम की हस्त मुद्राओं को प्रदर्शित किया गया है तो वहीं एजी ऑफ़िस पुल की साइड वॉल पर मयूर की खूबसूरत कलाकृति उकेरी गई है।
गौरतलब है कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य में “हस्त मुद्रा” शब्दावली प्रयुक्त होती है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य के सभी रूपों में मुद्राएं समान हैं, हालांकि उनके नाम और उनका उपयोग भिन्न हुआ करते हैं। इस “वॉल आर्ट” के द्वारा प्रमुख हस्त मुद्राओं को चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी की सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी शहर की पहचान बनाने में कला का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं को थीम आधारित बनाया गया है। श्रीमती सिंह ने बताया कि ग्वालियर शहर और कला का एक प्राचीन सम्बंध है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा निरन्तर प्रयास किया जाता रहा है कि शहरवासियों को कला से विभिन्न माध्यमों से जोड़ा जा सके। इसी क्रम में चाहे डिजिटल म्यूजियम, वेस्ट टू आर्ट परियोजना, सेल्फ़ी पॉंइट, फ़साड लाइटिंग सभी में कला को सजीव रूप से दर्शाया गया है।
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में शहर के चिन्हित स्थलों पर ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा “वॉल आर्ट” का कार्य कराया गया है। पूर्व में सिटी ऑफ़ म्यूज़िक की थीम पर पड़ाव तथा बस स्टैंड रोड पर संगीत से सम्बंधित विभिन्न कलाओं को प्रदर्शित किया गया था। वहीं गोविंद पुरी में पंचतंत्र आधारित कहानियों को “वॉल आर्ट” के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....