झोलाछाप डॉक्टर की करतूत, मासूम की फुंसी का किया ऐसा इलाज की बच्चे की जान पर बन आई, पढ़े पूरी खबर

Amit Sengar
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गुना,संदीप दीक्षित। मध्यप्रदेश के गुना (Guna) जिले में एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से एक बच्चे की जिंदगी खतरे में पड़ गई। इसकी जान बचाने के लिए मजूदर पिता ने जमीन गिरवीं रख दी और पत्नी के गहने भी बेच दिए। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। अब परिवार आर्थिक संकट की स्थिति से गुजर रहा है। क्योंकि इलाज कराते-कराते पिता के डेढ़ लाख खर्च हो चुके हैं। इतना सब होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। जिले भर में अवैध क्लीनिक संचालित हैं। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बच्चे की इस स्थिति की जानकारी जैसे ही एसपी पंकज श्रीवास्तव के संज्ञान में आई तो उन्होंने बजरंगगढ़ पुलिस को फर्जी डॉक्टर मेहरबान सिंह रघुवंशी के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश दिए।

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यह की पुलिस ने कार्रवाई
ग्रामीण क्षेत्रों में भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर झोलाछाप चिकित्सक उनकी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ताजा मामला गुना जिले के बजरंगगढ़ थाना अंतर्गत मंगवार गांव का है। यहां रहने वाले मोहर सिंह परिहार ने अशोकनगर जिले के नगऊखेड़ी निवासी कथित चिकित्सक मेहरबान सिंह रघुवंशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। नंदलाल ने पुलिस को बताया कि उसका 3 वर्षीय बालक कृष्णा परिहार बीमार था। उसके दाहिने पर छोटी सी फुंसी हो गई थी, जो ठीक नहीं हो पा रही थी। करीब 4 महीने पहले 5 जून को उनके गांव में मेहरबान सिंह रघुवंशी डॉक्टर बनकर आया और मोहर सिंह को गारंटी दी कि वह उनके बेटे का सफल इलाज कर देगा। झोलाछाप चिकित्सक मेहरबान सिंह ने बालक कृष्णा को दो इंजेक्शन लगा दिए, जिसके बाद उसकी तबियत लगातार बिगड़ रही है। मोहर सिंह ने गुना से लेकर इंदौर तक उपचार कराया है, लेकिन उनके बेटे के स्वास्थ्य में सुधार नहीं आ रहा है। परेशान होकर मोहर सिंह ने बजरंगगढ़ थाने में कथित चिकित्सक मेहरबान सिंह रघुवंशी के खिलाफ 9 अक्टूबर को मुकद्दमा दर्ज करा दिया है।

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पिता बोला मेरे बच्चे को बचा लो
इधर मंगवार निवासी मोहर सिंह परिहार का कहना है कि मेरे बच्चे को डॉक्टर ने गारंटी से इलाज कराने का दावा कर इलाज किया। मेरे बच्चे की जान संकट में आ गई थी। इसलिए मैने कर्ज लेकर इलाज कराया है। पत्नी के गहने तक बिक गए।

पत्नी बोले खाने के लाले पड़े
बच्चे की मां का कहना है कि इतना कर्ज हो चुका है कि खाने तक के लाले पड़ गए हैं। बच्चे के इलाज के कारण 3 माह से गुना और इंदौर के चक्कर लग रहे हैं। इस वजह से पति भी मजूदरी पर नहीं जा रहे हैं। इससे घर में खाने-पीने के लिए परेशानी है। महिला के 5 बच्चे हैं, इस वजह से उसे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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स्वास्थ्य विभाग के पास पूरी फौज फिर कार्रवाई नहीं
स्वास्थ्य विभाग के पास पूरी डॉक्टरों की फौज है। इसके बाद भी झोलाझाप डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह शहर एवं गांव की क्लीनिक जमाकर बैठे हैं और खुलेआम इलाज कर रहे हैं।

कथित डॉक्टर की कहानी
बच्चे का गलत इलाज करने वाले कथित डॉक्टर मेहरबान सिंह रघुवंशी शाढोरा का रहने वाला है। बजरंगगढ़ थाना क्षेत्र के गांव मंगवार में रहने लगा है। यहां उसने जमीन भी खरीदी है। एक हाथ में झोला लटका कर घर-घर पहुंचकर इलाज करता है। बच्चे का इलाज भी घर पर किया था। कथित डॉक्टर को ऐसे इलाज की अनुमति किसने दी, यह बड़ा सवाल है।

एसपी पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि प्राइवेट डॉक्टर मेहरबान सिंह रघुवंशी के पास कोई डिग्री नहीं है, उसके द्वारा एक बच्चे का इंजेक्शन लगाया, इससे उसकी तबीयत बिगड़ी। संबंधित डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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