ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर में शनिवार को राष्ट्रीय ध्वज लगाने के दौरान हुए क्रेन हादसे (Gwalior Crane Accident) में तीन कर्मचारियों की मृत्यु के बाद नगर निगम आयुक्त ने फायर ऑफिसर उमंग प्रधान को निलंबित कर दिया है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हादसे की जाँच की मांग करते हुए तंज कसा कि नगर निगम कमिश्नर की नियुक्ति के लिए पैसा मिला नहीं इसलिए वो पद खाली है। वहीँ भारीतय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने हादसे पर गहरा दुःख जताया है।
ग्वालियर में महाराज बाड़े पर नगर निगम के पुराने मुख्यालय भवन और पोस्ट ऑफिस की बिल्डिंग पर लगे तिरंगे को लगाते समय हाइड्रोलिक मशीन (क्रेन) दुर्घटनाग्रस्त (Gwalior Crane Accident) हो गई उसका एक हिस्सा टूट कर बिल्डिंग पर गिर गया जिससे उस पर काम कर रहे नगर निगम के तीन कर्मचारी उसकी चपेट में आ गए जिससे उनकी मौत हो गई जबकि एक अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुआवजे और अनुकम्प नियुक्ति की घोषणा की और प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने हालात पर नियंत्रण किया।
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश और हादसे की जाँच के आदेश के बाद हादसे के लिए प्रथम दृष्टया नगर निगम के फायर ब्रिगेड विभाग को दोषी माना गया है। इसलिए नागत निगम आयुक्त (प्रभारी) मुकुल गुप्ता ने नगर निगम के फायर ऑफिसर (प्रभारी) उमंग प्रधान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उधर ग्वालियर क्रेन हादसे (Gwalior Crane Accident) पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने दुःख जताते हुए इसकी जाँच की मांग की लेकिन वे सरकार पर तंज कसना नहीं भूले। हादसे के लिए उन्होंने निगम अधिकारियों को दोषी बताते हुए कहा कि ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर की कुर्सी खाली है, नियुक्ति के लिए पैसा नहीं मिला होगा इसलिए अभी तक उसपर कोई नहीं बैठा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने ग्वालियर नगर निगम कार्यालय में हुए क्रेन हादसे (Gwalior Crane Accident) में तीन कर्मचारियों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत एवं सह संगठन महामंत्री हितानंद ने क्रेन हादसे में ग्वालियर नगर निगम के तीन कर्मचारियों को मौत को दुखद बताया है। उन्होंने ईश्वर से मृतकों की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना की है साथ ही घायल कर्मचारी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....