Gwalior News : पटवारियों ने तहसील में जमा किये “बस्ते”, कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  मध्यप्रदेश पटवारी संघ के आह्वान पर मध्यप्रदेश के 19 हजार पटवारी अपनी तीन मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।  आज मंगलवार 10 अगस्त को सभी पटवारियों ने अपनी अपनी तहसील में जाकर अपने “पटवारी बस्ते” जमा कर दिए। ग्वालियर में भी हड़ताल का असर देखा गया।   जिले के पटवारियों ने अपने बस्ते जमा कर दिए और कलेक्ट्रेट पर इकट्ठे होकर प्रदर्शन किया।

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मध्यप्रदेश पटवारी संघ के ग्वालियर जिला अध्यक्ष ज्ञान सिंह राजपूत ने  कहा कि प्रदेश के पटवारी पिछले कई दिनों से तीन सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलनरत हैं। लेकिन सरकार ने अब तक हमारी मांगों पर विचार नहीं किया है।  इसलिए मजबूरी में हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य हैं।  उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 19 हजार पटवारी हैं जो आंदोलन का हिस्सा हैं।  सभी ने आज अपनी अपनी तहसीलों में जाकर कानूनगो को अपने पटवारी बस्ते  जमा कर दिए।

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उन्होंने कहा कि ग्वालियर जिले की तहसीलों में पदस्थ 293 पटवारियों ने भी आज पटवारी बस्ते जमा कर दिए हैं। जिला अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दिनों बाढ़ से आई  आपदा को ध्यान में रखते हुए हम आगामी 5 दिन तक बाढ़ आपदा का काम करेंगे लेकिन यदि हमारी मांगें नहीं मानी गयी तो छठवे दिन से हम राहत आपदा वाला काम भी नहीं करेंगे। ग्वालियर जिले के पटवारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन भी किया।

Gwalior News : पटवारियों ने तहसील में जमा किये "बस्ते", कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

ये हैं पटवारियों की मांगें

  • पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करते हुए समय मान वेतनमान विसंगति को दूर किया जाए।
  • गृह जिले में पदस्थापना हो। वर्तमान में कई पटवारियों को गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर पदस्थ कर दिया गया है।
  • नवीन पटवारियों की CPCT की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाए।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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