पांचवी के छात्र ने स्कूल टाई से घर में लगाई फांसी, ऑन लाइन क्लास अटेंड कर उठाया आत्मघाती कदम

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शहर के दर्पण कॉलोनी में रहने वाले एक मासूम ने स्कूल टाई से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खास बात ये है कि छात्र ने ये आत्मघाती कदम ऑन लाइन क्लास अटेंड करने के बाद उठाया। छात्र के इस कदम ने उन माता पिता की चिंता बढ़ा दी है जो अपने बच्चों को ऑन लाइन क्लास के लिए लेपटॉप या मोबाइल देकर उनसे अपनी नजरें हटा लेते हैं। परिजनों की माने तो छात्र बहुत होशियार था अब उसने आत्महत्या क्योंकि ये उनकी समझ से बाहर है।

कोरोना संक्रमण ने शिक्षा पद्धति को ऑन लाइन में बदल दिया है। बच्चे अपने घर में लेपटॉप या मोबाइल की मदद से ऑन लाइन पढ़ाई कर रहे हैं। चूंकि ऑन लाइन क्लास वीडियो फॉर्मेट में होती है तो बच्चा या तो अकेले अपने रूम में बैठकर पढ़ता है या फिर जहाँ वो बैठकर पढ़ता है वहाँ घर का अन्य सदस्य क्लास चलने तक नहीं जाता। लेकिन माता पिता का ऐसा करना कितना घातक हो सकता है ये सुनकर आपको ना सिर्फ आपको आश्चर्य होगा बल्कि धक्का भी लगेगा।

जी हाँ हम जो कह रहे हैं वो सच है। हम ये इसलिए कह रहे हैं कि पांचवी के एक छात्र ने ऑन लाइन क्लास अटेंड करने के बाद घर के बाथरूम को बंद कर स्कूल टाई से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक थाटीपुर थाना क्षेत्र के दर्पण कॉलोनी में रहने वाले अल्केश सक्सेना का 11 वर्षीय बेटा सार्थक पांचवी का छात्र था और अमर पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। वो दिन में दो ऑन लाइन क्लास अटेंड करता था।

एक क्लास दिन में 1:30 से 2:00 तक होती थी और दूसरी , 3:00 से 3:30 बजे तक। बुधवार को सार्थक ने अपने लेपटॉप पर दोनों क्लास अटेंड की। क्लास अटेंड करने के बाद सार्थक करीब एक घंटे तक लेपटॉप पर कुछ सर्च करता रहा और पढ़ता रहा। बाद में वो घर के बाथरूम में घुसा और बंदकर स्कूल की टाई से फांसी लगा ली। पिता जब घर आये और सार्थक के बारे में पूछताछ की तो वो कहीं दिखाई नहीं दिया। तलाश करने पर जब बड़े भाई ने बाथरूम में देखा तो सार्थक शॉवर से लटका मिला। परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

पिता अल्केश सक्सेना की माने तो सार्थक बहुत होशियार था। उसे एक्सपेरिमेंट करना पसंद था, उसकी ऑन लाइन क्लासेस भी अच्छी चल रही थी। वे खुद नहीं समझ और रहे कि उनके बेटे ने फांसी क्यों लगाई। उधर पुलिस भी पूरे मामले को समझने का प्रयास कर रही है। पुलिस का कहना है कि घटनाक्रम के लिए जल्दबाजी में ऑन लाइन क्लास को दोष नहीं दिया जा सकता। पुलिस ने छात्र के लेपटॉप को जब्त कर जांच में ले लिया है। पुलिस कई एंगल से जांच कर रही है। पुलिस ने सार्थक के शव को पीएम के लिए भिजवा दिया है।

पांचवी के छात्र ने स्कूल टाई से घर में लगाई फांसी, ऑन लाइन क्लास अटेंड कर उठाया आत्मघाती कदम


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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