खुद के अपहरण की बनाई झूठी कहानी, ढाबे में सोता हुआ मिला, यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

Atul Saxena
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डबरा, सलिल श्रीवास्तव। ग्वालियर जिले की पुलिस ने अपहरण की एक घटना का कुछ घंटों में ही पटाक्षेप कर दिया और खुद के ही अपहरण की झूठी कहानी बनाने वाले युवक को सलाखों के पीछे भेज दिया। पूछताछ में सामने आया है कि युवक की बाजार में बहुत उधारी हो गई थी जिसको चुकाने के लिए वो अपने ही माता पिता से रुपये ऐंठना चाहता था।

आपको बता दें कि बीती रात रानी घाटी एक युवक के अपहरण की खबर से सनसनी फ़ैल गई। भितरवार क्षेत्र के बेलखेड़ा थाने की पुलिस पूरी रात परेशान रही। युवक को जगह जगह तलाशा गया, वरिष्ठ अधिकारियों ने युवक की तलाशी के लिए पुलिस पार्टियां भी रवाना की।

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अलग अलग दिशाओं में गई पुलिस पार्टियों की लगातार सर्चिंग में आखिरकार सफलता मिली और युवक शिवपुरी जिले की सीमा में एक ढाबे पर सोता हुआ मिला। शुरूआती जाँच पड़ताल में सामने युवक ने खुद ही अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी। उसने बताया कि बाजार में उसकी उधारी बहुत हो गई थी जिसे चुकाने के लिए वो अपने माता पिता से पैसा ऐंठना चाहता था।

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गौरतलब है कि मंगलवार की रात बेलखेड़ा थाना पुलिस को सूचना मिली कि ईट भट्टे पर काम करने वाला युवक अनिल उर्फ भिंडा प्रजापति का मोटरसाइकिल पर आए बदमाशों ने अपहरण कर लिया है।  यह पूरा घटनाक्रम रानी घाटी मोड़ पर हुआ, परिजनों से मिली सूचना पर पुलिस सक्रिय हो गई। घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए तत्काल पुलिस पार्टियां रवाना हुई।

कॉल डिटेल के आधार पर युवक की लोकेशन पता लगाने का भी प्रयास किया गया, रात भर की परेशानी के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि युवक शिवपुरी जिले में है जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वह किसी ढाबे पर सोता हुआ मिला। एसडीओपी भितरवार अभिनव बारंगे के मुताबिक अपहरण का मामला झूठा निकला, युवक ने ही अपने अपहरण की कहानी बनाई थी युवक से बारीकी से पूछताछ की जा रही है।

खुद के अपहरण की बनाई झूठी कहानी, ढाबे में सोता हुआ मिला, यहां पढ़ें पूरी स्टोरी


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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