Weather : मध्यप्रदेश में यहां दिखा कश्मीर जैसा नजारा, छाई घने कोहरे की चादर

Pooja Khodani
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। दो दिन से चल रही हल्की ठंडी हवाओं ने ग्वालियर (Gwalior) का मौसम (Weather) पूरी तरह बदल दिया है। आज मंगलवार की सुबह जब शहर के लोगों ने आँख खोली तो शहर कोहरे (Fog) की चादर में लिपटा हुआ था। सुबह की सैर या दैनिक उपयोग का सामान और जरूरी काम के लिए निकले लोगों ने घने कोहरे का सामना किया। कोहरे के चलते हालात ये थे कि दृश्यता (Visibility) 25 मीटर रह गई थी।

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ग्वालियर में मंगलवार की सुबह घने कोहरे के साथ हुई। शहर की सड़कों पर लोग निकले तो हाथ को हाथ दिखाई नहीं दे रहा था, टाउनशिप में या कॉलोनी मे सामने वाली बिल्डिंग दिखाई नहीं दे रही थी। सुबह की सैर पर निकले लोगों ने घर में रजाई में बैठे शहरवासियों को कोहरे का अहसास कराया।

पत्रकार साथी विनोद शर्मा ने ग्वालियर किले (Gwalior Fort) पर नियमित सैर के दौरान किले से कोहरे के हालात दिखाये वहीं एक अन्य पत्रकार साथी सुशील कौशिक ने शहर की सड़क (Road) से अपनी टाउनशिप पर शहर के हालात दिखाये। दोनों ही साथियों ने जो नजारे दिखाये उसने ग्वालियर में ही कश्मीर (Kashmir) के अहसास दिला दिया। हालांकि तापमान (Temperature) 15 डिग्री के आसपास ही रहा लेकिन कोहरे के कारण हिल स्टेशन (Hill station) वाली फीलिंग हो रही थी।

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ग्वालियर मौसम विज्ञान केंद्र (Meteorological Center) में पदस्थ मौसम विज्ञानी चंद्रकांत उपाध्याय ने MP Breaking News को बताया कि पक्षिमी विक्षोभ के कारण ये हालात बने है रात को बादलों ने डेरा जमाया और ठंडी हवाओं ने इसे जमा दिया जिसने कोहरे का रूप ले लिया। उन्होंने बताया कि सुबह बहुत घना कोहरा था। 8:30 बजे दृश्यता मात्र 25 मीटर थी।आने वाले समय में तेज ठंडी हवाएं चलेंगी जिससे सर्दी बढ़ेगी। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी। 23 जनवरी के बाद फिर घने कोहरे के हालात बनेंगे।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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