ग्वालियर, अतुल सक्सेना
नगर निगम द्वारा गोली का मंदिर के पास मार्क हॉस्पिटल परिसर में संचालित गौशाला में गौवंश की दुर्दशा से आहत ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें अविलंब व्यवस्थाएँ सुधारने का अनुरोध किया है
विधायक श्री पाठक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की शुरुआत “गौरक्षतिरक्षितः” से की है उन्होंने लिखा
कामधेनु,देवस्थली,हमारे आस्था और पूजन का प्रतीक हमारी गौ माता का सरकारी संरक्षण में ही बुरा हाल इस ग्वालियर शहर की गौ शाला में किया जा रहा है। मैं बड़े दुख एवं मानसिक वेदना के साथ आपको इस पत्र के माध्यम से निवेदन कर रहा हूं कि गोला का मंदिर, ग्वालियर स्थित गौशाला में नगर निगम प्रशासन की लापरवाही से गौवंश दलदल में खड़ा रहकर भूख प्यास से मर रहा है । मार्क हॉस्पिटल परिसर में बनी नगरनिगम की गौशाला बरसात के चलते पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गई है, यहां सूखा स्थान नहीं होने से गौ माता एवं गौवंश को पूरे समय कीचड़ और दलदल में खड़ा रहना पड़ता है, गायों के खाने के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है ,बारिश के कारण गौशाला में फैली कीचड़ पर ही गायों को चारा डाला जाता है इस कारण लगभग आधे से ज्यादा चारा कीचड़ से खराब हो जाता है और हमारी गौमाता भूखी रह जाती है ।
इस गौशाला के लिए लाखों रुपए का बजट होने के बावजूद नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही एवं भ्रष्टाचार के चलते गौ माता एवं गौ वंश को उचित मात्रा में चारे एवं पानी की भी व्यवस्था नहीं की गई है इससे गौमाता तड़प तड़प कर भूखे पेट दम तोड़ रही है।
सनातन संस्कृति में पूजनीय कही जाने वाली गायों में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है, लेकिन उनकी दशा कितनी दयनीय है,इसका दारुण दृश्य गोले का मंदिर स्थित मार्क हॉस्पिटल परिसर में नगर निगम द्वारा बनाई गई गौशाला में जाकर देखा जा सकता है।
मेरा आपसे गौमाता और गौवंश की रक्षा के लिए और उनको दुर्दशा से निकालने के लिए एक विधायक नही अपितु एक नागरिक,एक धार्मिक आस्थावान व्यक्ति के तौर पर आग्रह है कि हमारी गौ माता की इस वेदना और इस पीड़ा को दूर करने के लिए त्वरित निर्देश दिए जाने की कृपा करें।
हमारे प्रदेश में गौ वंश के वध हेतु कठोर कानून का पालन किया जा रहा है तो उनके संरक्षण की और पालन की व्यवस्था भी राज्य की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। सोशल मीडिया माध्यमो और जागरूक नागरिकों द्वारा यह गम्भीर और सम्वेदनशील विषय मेरे संज्ञान में लाया गया है और मैं गौमाता को पर्याप्त चारे-भूसे की नियमित व्यवस्था हो सकेगी, इस हेतु आशान्वित होकर ये पत्र आपको प्रेषित है।