परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया, पहले प्रयास में CA Intermediate के दोनों ग्रुप किए क्लियर

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कहते हैं कि अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो वो क्या कुछ नहीं कर सकता, बस मन में विश्वास, द्रणसंकल्प, सच्ची लगन और मेहनत से काम किया जाए तो सफलता निश्चित है। ऐसा हो जज़्बा दिल में लिए 20 साल के यश ने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने की ठानी और आज उनका यह सपना साकार हो सका।

परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया, पहले प्रयास में CA Intermediate के दोनों ग्रुप किए क्लियर

पहली ही बार में चार्टर्ड अकाउंटेंट के इंटरमीडिएट एग्जाम के दोनों ग्रुप एक साथ क्लियर कर यश मालपानी ने केवल अपने घर वालों का सपना पूरा किया बल्कि तैयारी कर रहे हर उस युवा को एक संदेश दिया कि इंसान अगर चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता। यश का पूरा परिवार चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का परिवार है। ताऊ, पिता, चाचा से लेकर भाई तक परिवार में कुल 8 सीए हैं, यश 9 वे सदस्य ही रूप में परिवार की विरासत को आगे बढ़ाएंगे।

परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया, पहले प्रयास में CA Intermediate के दोनों ग्रुप किए क्लियर

ICAI के रिजल्ट के ग्रुप एक में यश ने कुल 254 नंबर हासिल किए, और ग्रुप दो में 181 नंबर हासिल किया। कुल 435 अंकों के साथ यश ने यह परीक्षा पास की। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम 1st year के छात्र यश ने गोटन सिंघानिया स्कूल से अपनी 12वी पास की जिसके बाद उन्होंने इस एग्जाम को देने का मन बनाया।

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उनकी इस उपलब्धि के बाद सभी ने न केवल यश के सफल प्रयास की सराहना कि बल्कि उनके माता पिता, उपमा मालपानी और दीपक मालपानी शुभकामनाएं भी दीं। उनकी इस उपलब्धि पर उनके ताऊ अनिल मालपानी FCA ने भी खुशी जाहिर की।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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