Dabra News : महिला बाल विकास एवं परियोजना अधिकारी बबीता धाकड़ पर लगाए सहायक ने पदोन्नति के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप

Amit Sengar
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डबरा, सलिल श्रीवास्तव। डबरा (dabra) की महिला बाल विकास एवं परियोजना अधिकारी बबीता धाकड़ ( Women Child Development and Project Officer Babita Dhakad) एक बार फिर विवादों में घिर चुकी हैं, ऐसा पहली बार नहीं है कि इन पर नियुक्ति के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हों ऐसा ही मामला फिर देखने को मिला जहां डबरा के ईटाइल गांव की रहने वाली वैजयंती जाटव ने परियोजना अधिकारी बबीता धाकड़ पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसडीएम प्रदीप शर्मा को एक शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें परियोजना अधिकारी के द्वारा पदोन्नति का झांसा देकर महिलाओं से एक मोटी रकम वसूली जाती है और फिर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी लगवाने का काम करती है।

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शिकायतकर्ता बैजंती जाटव ने बताया कि मुझे परियोजना अधिकारी बबीता धाकड़ और उनके पति अरविंद धाकड़ ने मेरा प्रमोशन कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी दिलवाने का वादा किया था और उसकी एवज में मुझसे ₹2 लाख लिए थे। मुझे इस बात का मालूम चला कि मेरी जो मार्कशीट बनी हुई है वह फर्जी है तो मैंने उन से मना कर दिया, जिस पर वह भड़क गई और मुझे सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया।

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शिकायतकर्ता ने बताया कि ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्हें नौकरी दिलवाने के नाम पर मनमाना पैसा वसूला करती हैं और कई ऐसी महिलाएं हैं जिन की नौकरी भी नहीं लगवाई और पैसा भी वापस नहीं किया है।इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि उक्त अधिकारी पर पूर्व में भी कई आरोप लगे पर अपने राजनैतिक रशूख के चलते उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है यही कारण है वह वर्षों से डबरा में जमी हुई है और तो और अधिकारी जाँच की बात कहकर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ रहे है अब देखना यह है इतने आरोपों के बाद उक्त अधिकारी पर कार्रवाही होती है या नहीं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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