ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
कोरोना महामारी में जिला प्रशासन के साथ मजबूत कड़ी के रूप में काम करने वाले CMHO यानि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने पद छोड़ने की पेशकश की है। विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर उन्होंने कहा है कि ” मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दीजिये”। हालांकि CMHO ने इसके पीछे व्यक्तिगत कारण बताये हैं लेकिन विभाग में इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं।
ग्वालियर जिले के CMHO यानि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस के वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर पद छोड़ने की पेशकश की है। डॉ वर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि मुझे इस पद की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने जब डॉ वर्मा से इस विषय में बात की तो उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत कारणों के चलते वे इस पद की जिम्मेदारी उठाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं। उधर CMHO डॉ वर्मा के पद छोड़ने के पीछे की वजह कुछ और ही बताई जा रही है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसकी बड़ी वजह एक ठेकेदार द्वारा दवा सप्लाई के पेमेंट के लिए दबाव डालना है। विभागीय सूत्रों पर भरोसा करें तो डॉ वर्मा की नियुक्ति के तत्काल बाद एक मेडिकल स्टोर से लाखों रुपये की दवा की सप्लाई की गई थी। इसका पेमेंट लॉक डाउन के चलते अटक गया। लेकिन अब दवा ठेकेदार पेमेंट के लिए दबाव बना रहा है।
पूर्व CMHO की दवा खरीदी का मौखिक आदेश परेशानी का बड़ा कारण
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार बजट नहीं होने के बावजूद डॉ वर्मा से पहले CMHO रहे डॉ मृदुल सक्सेना ने मौखिक आदेश पर इंदौर के एक ठेकेदार से दवा की सप्लाई करा ली थी। चूंकि आदेश मौखिक था तो भुगतान संबंधी लिखित आदेश जारी नहीं हुए इस बीच तत्कालीन CMHO का ट्रांसफर हो गया और फिर लॉक डाउन हो गया। अब पेंडिंग पेमेंट के लिए दवा ठेकेदार डॉ वर्मा पर प्रशासनिक और राजनैतिक दबाव डाल रहा है जिससे डॉ वर्मा परेशान हैं। उधर जिले में बढ़ते कोरोना मरीज भी उनकी परेशानी का कारण बने हुए है। साथ ही डॉ वर्मा पर फार्मासिस्ट से लेकर डॉक्टर तक मनमाफिक पद स्थापना के लिए दबाव है। वो राजनैतिक दखलंदाजी से भी परेशान हैं।
एक बड़े डॉक्टर द्वारा ये दबाव भी एक कारण
सूत्रों के मुताबिक शहर में निजी अस्पताल संचालित कर चुके एवं राजनैतिक रसूख रखने वाले एक बड़े डॉक्टर का दबाव भी CMHO डॉ वर्मा को परेशान कर रहा है। ये डॉ एक निजी अस्पताल को खरीदना चाहते हैं। वे उसे बंद कराना चाहते हैं और उसके लिए राजनैतिक प्रेशर डॉ वर्मा पर बना रहे हैं । उनका मकसद है कि अस्पताल बंद हो जायेगा तो सस्ते में मिल जायेगा। गौरतलब है कि इस डॉक्टर साहब का जो अस्पताल था वो पिछले दिनों कांग्रेस शासनकाल में टूट चुका है।
इन सब कारणों के चलते डॉ वर्मा ने पद छोड़ने के लिए विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखा है। हालांकि डॉ वर्मा ने पद छोड़ने की वजह पारिवारिक कारण बताये हैं । गौरतलब है कि डॉ वर्मा की नियुक्ति कांग्रेस शासनकाल में फरवरी में डॉ मृदुल सक्सेना को हटाकर की गई थी।
158 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं जिले में, रिपीट की संख्या 14 हुई
ग्वालियर जिले में अब तक 158 पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं। जिसमें सबसे बड़ा हॉट स्पॉट डबरा सामने आया है। इन मरीजों में से 80 मरीज ठीक होकर जा चुके हैं और दो की मौत हो चुकी है। जबकि 57 के अभी एक्टिव हैं जिनका इलाज जारी है।