CAA protest: दिग्विजय सिंह ने कहा ये संविधान विरोधी निर्णय, विधायक फूलसिंह बरैया बोले- ये देश विरोधी फैसला

विधायक फूलसिंह बरैया ने CAA का विरोध करते हुए  केंद्र की मोदी सरकार द्वार लागू किसी भी कानून या फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिए , उन्होंने कहा ये राष्ट्रहित का फैसला नहीं है , राष्ट्र को मजबूत करने वाला फैसला नहीं है, देशवासियों की सुख समृद्धि के लिए नहीं है, कानून व्यवस्था के पक्ष में नहीं होते, उनका हर कानून देश विरोधी होता है। 

Atul Saxena
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CAA protest : मोदी सरकार द्वारा 11 मार्च से देश में लागू किये गए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध शुरू हो गया है विपक्ष खुलकर इसके विरोध में आ गया है, कांग्रेस से लेकर विपक्ष की अधिकांश पार्टियाँ सीएए को संविधान विरोधी बता रही हैं, कांग्रेस के नेता तो इसे देशविरोधी फैसला तक कह रहे हैं।

दिग्विजय से टाइमिंग पर उठाये सवाल, बोले हिन्दू मुसलमान करवाना चाहती है सरकार 

ग्वालियर में एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने CAA लागू करने की टाइमिंग पर ही सवाल खड़े कर दिए उन्होंने कहा कि चार साल पहले ये कानून पास हुआ फिर इसे लागू करने में इतनी देर क्यों? लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू करने के पीछे भाजपा का मकसद देश में हिन्दू मुसलमान करवाना है।

सांसद अशोक सिंह बोले- CAA का कोई औचित्य नहीं है 

दिग्विजय ने कहा कि संविधान में पहले से ही तय है कि किसे नागरिकता देनी है किसे नहीं? तो इन्होंने अब तक दी क्यों नहीं ? इस कानून की क्या जरुरत थी? CAA का ये कानून संविधान विरोधी है इसकी अपील की गई है, उधर राज्यसभा सांसद अशोक सिंह ने भी CAA कानून को गैर जरूरी बताया, उन्होंने भी दिग्विजय सिंह की बात दोहराते हुए कहा कि पहले से ही जब कानून है तो इसके लागू होने का कोई औचित्य नहीं है।

कांग्रेस विधायक बरैया ने CAA को देश विरोधी बताया 

विधायक फूलसिंह बरैया ने CAA का विरोध करते हुए  केंद्र की मोदी सरकार द्वार लागू किसी भी कानून या फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिए , उन्होंने कहा ये राष्ट्रहित का फैसला नहीं है , राष्ट्र को मजबूत करने वाला फैसला नहीं है, देशवासियों की सुख समृद्धि के लिए नहीं है, कानून व्यवस्था के पक्ष में नहीं होते, उनका हर कानून देश विरोधी होता है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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