हो गया फैसला, अब ग्वालियर शहर में 20 अक्टूबर से दो पालियों में चलेंगे ई-रिक्शे, लॉटरी से हुआ निर्धारण, इन पर होगी सख्ती

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बताया कि रिक्शा चालकों को व्यवसाय के समान अवसर मिल सकें। इस बात को ध्यान में रखकर दो माह बाद अर्थात आगामी 20 दिसम्बर को ई-रिक्शों की पालियाँ बदली जायेंगी।

Atul Saxena
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Gwalior News
E Rickshaw Gwalior: शहर में संचालित ई रिक्शों को व्यवस्थित तरीके चलाने की कवायद कर रहे ग्वालियर जिला प्रशासन को आखिरकार इसमें सफलता मिल ही गई, आज ये फैसला हुआ कि ग्वालियर शहर में दो पालियों में ई-रिक्शा चलेंगे। इसके लिए रिक्शों की कलर कोडिंग की गई है साथ ही हिदायत दी गई है कि अब से गैर पंजीकृत और बिना कलर कोडिंग वाले ई-रिक्शे शहर में नहीं चल सकेंगे।
ग्वालियर शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम एवं बेहतर बनाने के लिये अहम निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत शहर में 20 अक्टूबर से दो पालियों में ई-रिक्शा चलेंगे। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान एवं पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह की मौजूदगी में पर्ची डालकर (लॉटरी पद्धति से) ई-रिक्शों के लिए पालियों का निर्धारण किया गया। नन्ही-मुन्नी बालिका कु. जोया द्वारा पर्ची उठाई गई। जिससे तय हुआ कि नीले कलर कोडिंग वाले ई-रिक्शे प्रात: 3 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक चलेंगे और पीले कलर कोडिंग वाले रिक्शे अपरान्ह 3 बजे से प्रात: 3 बजे तक शहर में चलेंगे। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव एवं स्मार्ट सिटी की सीईओ श्रीमती नीतू माथुर भी मौजूद थीं।

बिना  पंजीयन और बिना  कलर कोडिंग वाले ई रिक्शे होंगे जब्त 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बताया कि रिक्शा चालकों को व्यवसाय के समान अवसर मिल सकें। इस बात को ध्यान में रखकर दो माह बाद अर्थात आगामी 20 दिसम्बर को ई-रिक्शों की पालियाँ बदली जायेंगी। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने बैठक में स्पष्ट किया कि जिन ई-रिक्शों का पंजीयन और कलर कोडिंग नहीं हुई है शहर में ऐसे रिक्शों को चलाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे रिक्शे मिलने पर जब्त कर थाने भेजे जायेंगे। बैठक में बताया गया कि ग्वालियर शहर में अब तक 6 हजार 171 ई-रिक्शा पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से लगभग 4 हजार 580 ई-रिक्शों की कलर कोडिंग भी की जा चुकी है।

बाल भवन में आयोजित हुई यातायात समीक्षा बैठक 

गुरुवार को बाल भवन में आयोजित हुई बैठक में शहर की यातायात व्यवस्था की समीक्षा भी की गई। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने नगर निगम के अधिकारियों को महाराज बाड़ा, सदर बाजार मुरार व अन्य व्यस्ततम बाजारों के नजदीक नई पार्किंग स्थापित करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि पुलिस के सहयोग से वाहनों को निर्धारित पार्किंग में खड़े कराने की पुख्ता व्यवस्था की जाए। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने शहर की सड़कों से अभियान बतौर कंडम वाहन हटाने के निर्देश भी बैठक में दिए।

महाराज बाड़े पर लगभग 2 हजार दुपहिया वाहनों के लिए हुई पार्किंग व्यवस्था 

बैठक में जानकारी दी गई कि महाराज बाड़े पर पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिये नए पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए हैं। इन पार्किंग स्थलों पर 2 हजार दुपहिया वाहन खड़े किए जा सकेंगे। इसके अलावा एक हजार दुपहिया वाहनों के लिये पार्किंग तैयार की जा रही है। इन पार्किंगों का संचालन नगर निगम द्वारा सशुल्क किया जायेगा। एक बार वाहन खड़ा करने के लिये 10 रूपए निर्धारित किए गए हैं। महाराज बाड़ा पर टाउन हॉल के सामने और भारतीय स्टेट बैंक के समीप दुपहिया वाहनों के लिये पार्किंग निर्धारित की गई हैं। विक्टोरिया मार्केट (जियोलॉजिकल म्यूजियम) के सामने 40 से 50 चार पहिया वाहन की पार्किंग बनाई गई है। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने पार्किंग स्थल पर शाइन बोर्ड लगाकर पार्किंग शुल्क की जानकारी प्रदर्शित करने के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिए।

सीसीटीवी कैमरे बढ़ाने पर जोर 

शहर में सीसीटीव्ही कैमरों की संख्या बढ़ाने पर भी बैठक में विशेष जोर दिया गया। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह ने कहा कि सीसीटीव्ही कैमरों से यातायात व्यवस्था बेहतर बनाने के साथ-साथ कानून व्यवस्था सुदृढ़ बनाने में भी मदद मिलती है। स्मार्ट सिटी की सीईओ श्रीमती नीतू माथुर ने बैठक में जानकारी दी कि लगभग 300 सीसीटीव्ही कैमरे खरीदने की प्रक्रिया प्रचलन में है। नए सीसीटीव्ही कैमरे शहर के चारों प्रवेश दरवाजों सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए जायेंगे।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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