ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के एमए राजनीति शास्त्र के थर्ड सेमेस्टर के प्रश्नपत्र में स्वतंत्रता सेनानियों के सन्दर्भ में कथित रूप से ” क्रांतिकारी आतंकवादी” शब्द के इस्तेमाल पर बवाल बढ़ गया है। छात्र संगठन इसे लेकर आक्रोशित हैं उन्होंने विश्वविद्यालय पर प्रदर्शन कर उच्चशिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा । इस मामले। में शिक्षा मंत्री ने जांच के। आदेश दे दिए हैं उधर कुलपति का कहना है कि पेपर बनाने वाले प्रोफ़ेसर का पता किया जा रहा है यदि उनकी गलती जांच में साबित होती है तो उन्हें हमेशा के लिए डी बार करने की कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल 20 दिसंबर को एमए राजनीति शास्त्र के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्नपत्र ‘राजनीतिक दर्शन-3, आधुनिक भारत का राजनीतिक विचार’ में सवाल पूछा गया कि ‘क्रांतिकारी आतंकवादियों की गतिविधियों का वर्णन कीजिए। उग्रवादियों और क्रांतिकारी आतंकवादियों में क्या अंतर है?’ सवाल की जानकारी लगते ही विद्यार्थियों के संगठन अखिल भारतीय लोकतांत्रिक छात्र संगठन (एआईडीएसओ) ने प्रश्नपत्र में क्रांतिकारी आतंकवादी शब्द लिखे जाने पर आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया। छात्रों ने कहा कि क्रांतिकारी हमारे आदर्श हैं और उनको आतंकवादी कहना गलत है। आखिर क्रांतिकारी को आतंकवादी के रूप में परिभाषित कर विश्वविद्यालय क्या साबित करना चाहता है। छात्र संगठन का कहना है कि हमारे देश के लिए कई क्रांतिकारी शहीद हुए हैं, क्या उन्हें आतंकवादी कहा जा सकता है ।ऐसा कर विश्वविद्यालय अपने दिवालियापन का सबूत दे रहा है। जो किसी भी सूरत में सहन करने योग्य नहीं है। इस। उधर मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिये गये है साथ ही पेपर सेट करने वाले प्रोफेसर को नोटिस जारी करने के साथ ही कार्यवाही के निर्देश दिये है कुलपति ने यह भी कहा कि इस तरह का होना काफी गंभीर बात है आगे ऐसा नही हो यह सावधानी भी जरूरी है। छात्र संगठन ने मामले को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए जांच और कार्रवाई के निर्देश
छात्रों का ज्ञापन मिलने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को समिति गठित कर तीन दिन में समिति गठित कर दोषी प्रोफ़ेसर पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।