प्लास्टिक फैक्ट्री, गोदाम में आग, मशक्कत के बाद पाया जा सका काबू, अवैध रूप से सरकारी जमीन पर हो रहा था संचालन

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर के बरा गांव में संचालित एक प्लास्टिक फैक्ट्री और उसके पास बने गोदाम में आज अचानक तेज आग भड़क गई , गोदाम में ज्वलनशील पदार्थ भी मौजूद होने के कारण आग के जल्दी ही विकराल रूप ले लिया। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने लगातार करीब 10 गाड़ी पानी फेंककर आग पर काबू किया और बड़े हादसे को होने से बचा लिया, मालूम चला है कि गोदाम सरकारी जमीन पर अवैध रूप से चल रहा था।

ग्वालियर के पुरानी छावनी थाना क्षेत्र में स्थित बरा गांव में आज सुबह अचानक आग भड़क गई, आग भड़कते ही आसपास की बस्ती में दहशत फ़ैल गई, तत्काल फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई जिसके बाद वहां पहुंचे नगर निगम के अधिकारियों ने एक साथ कई गाड़ी पानी फेंका और आग को काबू किया।

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फायर ब्रिगेड के गाड़ियों ने मशक्कत कर बुझाई आग 

फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग बुझाकर वापस लौट ही रही थी तभी गोदाम में फिर आग भड़क गई, अधिकारियों ने और गाड़ियां बुलवाई और फिर आग पर काबू कर उसे पूरी तरह बुझा दिया, मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के नोडल अधिकारी उपायुक्त अतिबल सिंह यादव ने बताया कि गोदाम में प्लास्टिक के ड्रम थे, कुछ पटाखे भी थे, इसके अलावा दीवाली से अब तक इकठ्ठा किया गया कुछ कबाड़ेनुमा अन्य सामान भी था।

गोदाम में प्लास्टिक के ड्रम, ज्वलनशील पदार्थ था   

निगम अधिकारी के मुताबिक गोदाम में कुछ मजदूर काम कर रहे थे और बीडी पी रहे थे, सम्भावना है कि बीड़ी के गुल (ज्वलनशील भाग) से आग भड़की हो, चूँकि सभी तरफ ज्वलनशील पदार्थ थे इसलिए आग भड़क गई, उधर गोदाम मालिक मुन्ना खटीक के मुताबिक पड़ोस में बच्चे पटाखे चला रहे थे संभवतः उसकी चिंगारी से आग लगी है , उसके मुताबिक करीब 25 लाख के माल का नुकसान हुआ है ।

सरकारी जमीन पर संचालित था गोदाम, अब होगा एक्शन 

उधर नगर निगम अधिकारी के अनुसार ये गोदाम सरकारी जमीन पर अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था, अब इसे संचालित करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और इस सरकारी जमीन से कब्ज़ा हटाया जायेगा साथ ही फैक्ट्री के दस्तावेज भी चैक किये जायेंगे ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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