Gwalior News : मध्य प्रदेश के सरकारी अफसरों की लापरवाही पर ग्वालियर हाई कोर्ट ने एक्शन लिया है। ग्वालियर हाई कोर्ट ने बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हुई नहर, बांध और तालाबों की मरम्मत के बजट के कई गुना बढ़ने पर नाराजगी जताई है और इस मामले में EOW से रिपोर्ट तलब की है।
शासन के बजट को 8 गुना बढ़ाया
जानकारी के अनुसार, 2021 में आई बाढ़ में टूटी और क्षतिग्रस्त हुए तालाब, नहर और बांधों की मरम्मत के लिए शासन ने जल संसाधन विभाग को 83 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था लेकिन कुछ समय बाद ही ये बजट बढ़कर करीब आठ गुना यानी 731 करोड़ रुपये हो गया।
भ्रष्टाचार के आसार, जांच की मांग
शहर के एक नागरिक ने हाई कोर्ट में इसके खिलाफ जन हित याचिका दायर की। याचिकाकर्ता मलकीत सिंह ने अपनी याचिका में इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और जांच की मांग की। याचिका में बताया गया कि बाढ़ में ग्वालियर के अलावा शिवपुरी, श्योपुर, गुना और अशोक नगर का हिस्सा ज्यादा प्रभावित हुआ।याचिका में कहा गया कि शासन ने नहर, तालाब और बांधों की मरम्मत के के लिए जल संसाधन विभाग ने 83 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा जो धीरे धीरे बढ़कर 570 करोड़ और फिर 731 करोड़ हो गया।
अगली सुनवाई 3 जुलाई को, रिपोर्ट के साथ हाजिर होने के निर्देश
याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की डबल बेंच ने नाराजगी जताई , कोर्ट ने इस मामले में EOW से रिकॉर्ड तलब किया है और 3 जुलाई को रिपोर्ट के साथ कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट