पटाखों पर पहरा : रात में केवल 8 से 10 बजे तक चला सकेंगे ग्रीन पटाखे, प्रशासन की सख्ती

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। दीपावली (Deepawali)के त्योहार पर लोग अतिशबाजी(Fireworks) चलाकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं लेकिन इस बार जिला प्रशासन (District administration gwalior) ने इसपर पहरा लगा दिया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन टिब्युनल (NGT) के आतिशबाजी पर रोक लगाने के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह (Collecer kaushlendraa ikram singh) ने धारा-144 के तहत आदेश जारी कर दिया। आदेश के तहत अब दीपावली पर सिर्फ रात आठ बजे से दस बजे तक दो घंटे ही केवल ग्रीन पटाखे(Green fireworks) चलाने की अनुमति होगी। इसके अलावा सामान्य आतिशबाजी पर रोक लगाई गई है जो एक जनवरी 2021 तक लागू रहेगी। गौरतलब है कि ग्वालियर का एयर क्वालिटी इंडेक्स-129 यानि मध्यम श्रेणी में आने की रिपोर्ट क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय की ओर से दी गई थी।कलेक्टर के आदेश के उल्लंघन पर दंडनीय कार्रवाई की जाएगी।

ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पटाखों पर नियंत्रण और निर्धारित अवधि में चलाये जाने के आदेश के सख्ती से पालन के निर्देश अधीनस्थों को दिया हैं। कलेक्टर ने अपने आदेश में 9 नवंबर को मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नवंबर 2019 की स्थिति में जारी पर्यावरण वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट एवं प्रिंसिपल बैंच राष्ट्रीय हरित अधिकरण( नेशनल ग्रीन टिब्युनल) नईदिल्ली के प्रकरण में पारित आदेश का हवाला दिया है। आदेश में कहा गया है कि आगामी कुछ दिनों में ठंड प्रारंभ होने के कारण एवं त्यौहारों के दौरान अधिक संख्या में पटाखों के उपयोग से परिवेशीय वायु गुणवत्ता और अधिक खराब होने की आशंका है। इस कारण नगर निगम सीमा की संपूर्ण राजस्व सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।

नहीं बेच सकेंगे सामान्य पटाखे, ग्रीन पटाखे 8 से 10 बजे तक ही चलाये जा सकेंगे

कलेक्टर ने सामान्य पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। आदेश में कलेक्टर ने कहा कि नगर निगम की सीमा में केवल ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति रहेगी। अन्य सभी तरह के पटाखों के विक्रय एवं उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। खास बात ये है कि आदेश में पटाखों को चलाने का समय भी निर्धारित किया गया है। आदेश के मुताबिक रात को केवल 8 बजे से 10 तक ही ग्रीन पटाखे चलाये जा सकते है इसे अलावा छट पूजा के लिए सुबह 6 बजे से सुबह 8 बजे तक, क्रिसमस एवं नए साल पर रात 11 बजकर 55 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक समय निर्धारित किया गया है। शेष अवधि में ग्रीन पटाखे सहित सामान्य पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। आदेश का उल्लंघन होन पर यह अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।

50 प्रतिशत तक कम प्रदूषण करते हैं ग्रीन पटाखे

जानकारी के अनुसार औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की संस्था नीरी ने ग्रीन पटाखों की खोज की थी जो पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं पर इनके जलने से 50प्रतिशत तक कम प्रदूषण होता है। बताया जाता है कि तीन तरह के ग्रीन पटाखे बनाए जा रहे हैं,इनमें से पहले वाले जलने के साथ पानी पैदा करते हैं जिससे सल्फर और नाइट्रोजन जैसी हानिकारक गैसें इन्हीं में घुल जाती हैं,इनको सेफ वाटर रिलीजर भी कहा जाता है,दूसरी तरह के स्टार क्रैकर के नाम से जाने जाते हैं और ये सामान्य से कम सल्फर और नाइट्रोजन पैदा करते हैं, इनमें एल्युमिनियम का इस्तेमाल कम से कम किया जाता है और तीसरी तरह के अरोमा क्रैकर्स हैं जो कम प्रदूषण के साथ खुशबू भी पैदा करते हैं। बहरहाल अब देखना ये होगा कि प्रशासन द्वारा पर पटाखों पर लगाए गए पहरे के बाद क्या लोगों की खुशियों पर पहरा लगता है नहीं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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