पति-पत्नी के रिश्ते के बीच आया गुटखा, पति ने वादा तोड़ा तो पत्नी ने छोड़ दिया घर

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। गुटखा (Gutkha) खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है ये शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है ये सब जानते हैं।  गुटखे के पैकेट पर चेतावनी भी लिखी होती है कि इसके खाने से कैंसर भी हो सकता है लेकिन ये पति पत्नी के रिश्ते में दरार भी डाल सकता है ये कोई नहीं सोच सकता।  लेकिन ये सच है, गुटखा मजबूत रिश्तों के बीच भी आ सकता है।

मामला ग्वालियर के पड़ाव थाना(Gwalior Police)  क्षेत्र का है, पति के गुटखा खाने की आदत से परेशान पत्नी ने कई बार उसे मना किया , कसम भी दी, लेकिन पति ने गुटखा खाना नहीं छोड़ा। करवा चौथ से कुछ दिन पहले पत्नी ने पति से वादा लिया कि अब गुटखा नहीं खाओगे लेकिन हर बार की तरह पति ने इस बार भी वादा तोड़ दिया।

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पति की आदत और वादाखिलाफी से आहत पत्नी ने करवाचौथ से एक दिन पहले 23 अक्टूबर को घर छोड़ दिया और गायब हो गई। पत्नी के गायब होने से परेशान पति ने पड़ाव पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।  पुलिस ने खोजबीन की, इस बीच पुलिस को जयपुर जीआरपी ने महिला के वहां होने की सूचना दी।

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टीआई पड़ाव अष्ठाना ने बताया कि महिला की सूचना मिलते ही ग्वालियर पुलिस जयपुर गई और महिला को वापस लाकर पति को सौंप दिया।  पूछताछ में महिला ने कहा कि वो पति की गुटखा खाने की आदत से परेशान है इसलिए उसने घर छोड़ दिया , उसने सोचा कि पति गुटखा नहीं छोड़ रहे तो मैं ही घर छोड़ देती हूँ।

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पत्नी के सकुशल मिल जाने से पति और परिजनों की जान में जान आई। उसने पुलिस के सामने ही पत्नी से वादा किया कि वो अब जीवन में कभी गुटखा नहीं खायेगा। बहरहाल पति पत्नी का सनासर फिर बस गया और दोनों ने एक दूसरे को माफ़ कर दिया लेकिन सावधान यदि आप भी यदि किसी बुरी लत के शिकार हैं तो उसे छोड़ दीजिये क्योंकि बुरी आदत रिश्तों में दरार डाल सकती है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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