ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) की विधानसभा में आज जिला प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाई। प्रशासन ने चौराहे के चौडीकरण में बाधक बन रहे निर्माण यहाँ से हटाये। कांग्रेस नेताओं ने कार्यवाही का विरोध किया जिसके बाद पुलिस ने एक नेता को हिरासत में ले लिया।
आपको बता दें कि फूलबाग से किला गेट तक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की विधानसभा में इस समय सड़क का निर्माण कार्य और चौडीकरण चल रहा है। इसी क्रम में किला गेट चौराहे का भी चौडीकरण किया जा रहा है। इस चौडीकरण में चौराहे के आसपास ने पुराने निर्माण बाधक बन रहे थे जिनके खिलाफ आज जिला प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाई।
जिला प्रशासन ने 15-20 निर्माण को चिंहित किया और उनको नोटिस देकर आज उन्हें हटाने की कार्यवाही की। मुहिम में संभावित विरोध को देखते हुए प्रशासनिक अमले की मौजूदगी भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। कार्यवाही शुरू होते ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया, हंगामे की कोशिश की लेकिन भारी पुलिस फोर्स के चलते हंगामा नहीं हो सका।
क्षेत्र के कांग्रेस नेता योगेंद्र तोमर ने यहाँ कार्यवाही का विरोध किया, पुलिस ने उन्हें समझाइश दी लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस थाने भेज दिया।
स्थानीय निवासी शकील ने बताया कि प्रशासन ने कल नोटिस थमाये और आज कार्यवाही शुरू कर दी, सामान हटाने का भी समय नहीं दिया, हमारी तो पीढ़िया यहाँ रहती आई हैं अब अतिक्रमण बता रहे हैं हम तो फुटपाथ पर आगये।
उधर एसडीएम प्रदीप तोमर ने कहा की 15 -20 प्रॉपर्टी हैं जिन्हें नोटिस दिये गए हैं ये किला गेट चौराहे में बधाई थे, सबकुछ नियमानुसार ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक नेता ने विरोध का प्रयास किया उन्हें वहाँ हिरासत में ले लिया गया।
दरअसल ग्वालियर के ऐतिहासिक किले पर जाने के किये शहर से दो रास्ते जाते हैं जिनमें से एक उरवाई गेट कहलाता है तो दूसरा किला गेट चौराहा है। लेकिन किला गेट चौराहे पर स्थानीय लोगों द्वारा बड़ी संख्या में अतिक्रमण कर निर्माण किया गया था जिसके चलते आए दिन चौराहे पर जाम लग जाता है और ऐतिहासिक किला जाने वाले पर्यटकों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस अव्यवस्था को सुधारने के लिए स्थानीय प्रशासन पिछले 1 साल से लगातार अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर खुद से अतिक्रमण हटाने के लिए कर रहा था लेकिन जब कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया तो अब 24 घंटे का नोटिस देकर प्रशासन ने अतिक्रमण हटा दिया।