ग्वालियर, अतुल सक्सेना। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रियंका गांधी ने नारा दिया है “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” लेकिन उनकी ही पार्टी की अंदरूनी लड़ाई में उनकी महिला पदाधिकारी खुद पिस रही हैं इसका ताजा उदाहरण है ग्वालियर शहर जिला महिला अध्यक्ष डॉ रुचि गुप्ता का इस्तीफा (Gwalior Mahila Congress District President Dr Ruchi Gupta resigned)। उन्होंने कमल नाथ के जाते ही देर रात मीडिया को व्हाट्स एप पर इस्तीफा लिखकर भेजा और सुबह लेटर हेड पर भेजकर इसे अधिकृत कर दिया।
मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी कांग्रेस कमल नाथ (Kamal Nath) के नेतृत्व में मतदाता पर तो भरोसा जता रही है लेकिन उनके कार्यकर्ताओं का भरोसा उठता जा रहा है महिला जिला अध्यक्ष डॉ रुचि गुप्ता ने इस्तीफा देकर इसे प्रमाणित किया है। रुचि गुप्ता ने कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को इस्तीफा लिखकर भेजा और पूछा – आपने नारा दिया है – लड़की हूँ लड़ सकती हूँ लेकिन ये नहीं बताया कि लड़ना किससे है। रुचि गुप्ता के इस्तीफे में लिखे शब्दों में उनकी पीड़ा स्पष्ट समझ आ रही है।
उन्होंने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब पार्टी में जमीनी स्तर पर कार्य करने वालों की इज्जत नहीं होती और अचानक कुछ नेताओं की सिफारिश लगाकर ऊपर से थोपे गए लोग अपनी हुकूमत के दम पर हावी होने की कोशिश करने लगते हैं और उससे भी अधिक दुखद यह है कि संगठन भी जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे लोगों की बात ना सुनकर ऐसे लोगों की बातें सुनते हैं जिन्हें संगठन की परिभाषा शायद नहीं आती यह दुख सिर्फ मेरा नहीं है कई जिलों में और भी महिलाओं का है।
जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता ने लिखा – आदरणीय प्रियंका दी हम बाहरी लोगों से लड़ सकते हैं पर भीतरी और अपने लोगों से नहीं मैं कल भी कांग्रेस की एक समर्पित कार्यकर्ता थी एवं विचारधारा के प्रति सदैव समर्पित रहूंगी शायद मेरा सफर राजनीतिक इतना ही था मेरी शुभकामनाएं सदैव आपके लिए आपके परिवार के लिए एवं पार्टी के लिए रहेंगी, इससे आगे लड़ने की क्षमता अब मुझ में नहीं।
एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता ने कहा कि मैंने विपरीत स्थितियों में संगठन को मजबूत किया, अंदरूनी विरोध के बाद भी जनता के लिए सड़कों पर संघर्ष किया। लेकिन उसका नतीजा मुझे ये मिला कि बिना मेरे योगदान को देखे मुझे पलभर में हटा दिया और कोई ये बताने वाला नहीं है कि मुझे क्यों हटाया ? उन्होंने कहा कि मेरा दुःख सिर्फ मैं ही समझ सकती हूँ मेरे अपने मुझ पर हंस रहे हैं की तुम वहां काम कर रही थी जहाँ काम करने वालों की कद्र नहीं है। रुचि गुप्ता ने कहा कि मैं जनसेवक हूँ पहले भी जनता की सेवा करती थी और आगे भी करती रहूंगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....