Gwalior News : डेंगू पर हाई कोर्ट सख्त, CMHO और JAH अधीक्षक को किया तलब

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले में डेंगू के बढ़ते आंकड़े पर हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच (High Court Gwalior) ने सख्त रुख अपनाया है। एक अवमानना पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की डबल बेंच ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक ( Superintendent JAH) को तलब किया है।  हाई कोर्ट (HC) ने दोनों चिकित्सा अधिकारियों को अलग अलग शपथ पत्रों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्या एवं न्यायमूर्ति दीपक कुमार अग्रवाल की डबल बेंच ने डेंगू के बढ़ते आंकड़ों पर चिंता जताई और स्वास्थ्य विभाग के इंतजामों  कार्यशैली पर नाराजगी जताई। गौरतलब है कि डेंगू की रोकथाम के लिए हाई कोर्ट ने 2019 में 10 बिंदुओं का आदेश दिया था जिसपर अमल कर डेंगू को रोकना था लेकिन स्वास्थ्य विभाग की नाकामी के चलते ग्वालियर में डेंगू का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है डेंगू मरीजों की संख्या 2000 के पास पहुँच गई है।

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डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख सचिव सहित नगरीय प्रशासन मंत्रालय के प्रमुख सचिव, कलेक्टर ग्वालियर, कमिश्नर नगर निगम, अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल ग्वालियर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर के विरुद्ध एक अवमानना याचिका दायर की है। याचिका में एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने कहा कि उनके द्वारा सन 2018 में डेंगू को लेकर एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में प्रस्तुत की थी जिसमें हाई कोर्ट द्वारा 7 अगस्त 2019 को मध्य प्रदेश शासन को डेंगू की रोकथाम एवं उपचार के लिए 10 दिशा निर्देश जारी किए थे किंतु उनमें से किसी भी दिशानिर्देश का किसी भी अधिकारी द्वारा पालन नहीं किया गया है जिसके चलते ग्वालियर शहर सहित मध्य प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में डेंगू बीमारी एक महामारी का रूप लेती जा रही है । हाई कोर्ट के आदेश का पालन ना होने पर डेंगू के रोकथाम के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं इसलिए उक्त अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

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याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ग्वालियर के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य के प्रति हाई कोर्ट बेहद गंभीर है खासकर बच्चों के इस बीमारी की चपेट में आने से एक बड़ी समस्या खड़ी हुई है। हम हर रोज प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबरें देख रहे हैं कि डेंगू लगातार एक महामारी का रूप लेता जा रहा है। इसपर नियंत्रण की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है।  इसलिए ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक 12 नवम्बर को अगली सुनवाई पर अपने अपने शपथ पत्रों के साथ उपस्थित होकर बताएं कि उन्होंने डेंगू की रोकथाम के लिए क्या क्या उपाय किये ?

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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