Gwalior News : शराब कारोबारी के बेटे ने पिस्टल से गोली मारकर की आत्महत्या

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर के सिरोल थाना क्षेत्र में बनी टाउनशिप विंडसर हिल में रहने वाले  एक शराब कारोबारी के 23 वर्षीय बेटे ने पिस्टल से खुद को गोली मार ली, गोली की आवाज सुनकर पास के कमरे में सो रही माँ और छोटी बहन दौड़कर आये और खून में लथपथ हर्ष को लेकर अस्पताल भागे जहाँ डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

शहर की बड़ी और पॉश टाउनशिप विंडसर हिल में आधी रात को गोली की आवाज से हडकंप मच गया, आनन फानन में लोगों गोली की आवाज की दिशा में भागे, पता चला कि गोली एस ब्लाक के उस फ़्लैट से आई थी, जिसमें शराब कारोबारी बंटी सोलंकी रहते हैं। दरअसल यहाँ बंटी सोलंकी के बेटे हर्ष ने खुद को गोली मर ली थी।

हर्ष ने कनपटी पर पिस्टल रखी और ट्रिगर दबा दिया जिससे वो खून से लथपथ होकर वहीँ गिर पड़ा, पास के कमरे में सो रही माँ कुसुम और 6 साल की छोटी बहन दौड़कर कमरे में पहुंचे फिर पड़ोसियों की मदद से हर्ष को अस्पताल पहुँचाया जहाँ डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बताया जा रहा है कि हर्ष के पिता बंटी सोलंकी भाजपा से जुड़े हैं और माँ कुसुम सोलंकी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुकी हैं वे राष्ट्र हिन्दू एकता संगठन की पदाधिकारी भी हैं । घटना की सूचना मिलते ही सिरोल थाना पुलिस विंडसर हिल पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण कर पिस्टल को जब्त कर लिया, पुलिस जाँच कर रही है कि पिस्टल लाइसेंसी है या अवैध है ।

उधर मालूम ये भी चला है कि बंटी सोलंकी के घर की ये तीसरी मौत है, बंटी के एक बेटी की पहले मौत हो चुकी है एक अन्य बेटी  ने भी आत्महत्या की थी, हर्ष तीन बहनों का अकेला भाई था पुलिस के मुताबिक बंटी सोलंकी का नाम पनिहार थाना क्षेत्र में पिछले दिनों पकड़ी गई अवैध शराब फैक्ट्री में भी आया था जिसमें उन्हें पकड़ा भी गया था। पुलिस ने हर्ष के शव को पीएम के लिए भेज दिया है और मामले को जांच में ले लिया है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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