Gwalior News : बाल संप्रेक्षण गृह से भागा गोलीकांड का आरोपी, रेस्टोरेंट पर फ़िल्मी अंदाज में की थी फायरिंग

बाल संप्रेक्षण गृह से बाल अपचारी का भागना कोई नई बात नहीं है पहले भी ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं। 

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर के बाल संप्रेक्षण गृह से आज एक बाल अपचारी दीवार फांद कर भाग गया, घटना के समय अन्य बाल अपचारियों के साथ उसे रुटीन चैकिंग के लिए बाहर निकाला गया और गिनती के समय वो पेड़ का सहारा लेकर दीवार फांद कर भाग गया है, बाल अपचारी एक रेस्टोरेंट में गोली चलाने का आरोपी है।

फिर भागा बाल संप्रेक्षण गृह से बाल अपचारी  

ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र में गोविंदपुरी में स्थित बाल संप्रेक्षण गृह की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है, यहाँ रह रहा एक बाल अपचारी सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हुए भाग गया, घटना के समय स्टाफ मौजूद था लेकिन कोई उसे पकड़ नहीं पाया, थाटीपुर थाना पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

टीलाॅजी रेस्टोरेंट पर फिल्मी स्टाइल में चलाई थी गोलियां

आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व गोला का मंदिर थाना क्षेत्र में स्थित टीलाॅजी रेस्टोरेंट पर फिल्मी स्टाइल में गोलियां चलाई गई थी, दो आरोपियों ने रेस्टोरेंट में सिगरेट पीते हुए प्रवेश किया था और अवैध हथियारों से फायरिंग की थी मैनेजर ने काउंटर के नीचे झुककर अपनी जान बचाई थी, घटना का सीसीटीवी फुटेज भी मिला था।

पुलिस कर रही परिजनों से संपर्क

सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था दोनों ही भिंड जिले के रहने वाले हैं, पुलिस ने  जब उनसे पूछताछ की तो दोनों नाबालिग निकले थे,  जिसके बाद इन्हें बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया था, इन्हीं में से एक आज मौका देखकर भाग निकला, सीएसपी अशोक जादौन ने बताया कि फरार हुए बाल अपचारी की तलाश की जा रही है उसके परिजनों से संपर्क किया जा रहा है जल्दी ही उसे पकड़ लिया जायेगा। गौरतलब है कि बाल संप्रेक्षण गृह से बाल अपचारी का भागना कोई नई बात नहीं है पहले भी ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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