Gwalior News : CM Helpline की शिकायतों के निराकरण में लापरवाही 22 अधिकारियों को पड़ी भारी

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Gwalior News :  सीएम हेल्प लाइन (CM Helpline) के प्रकरणों के प्रति उदासीनता बरतना 22 अधिकारियों को भारी पड़ा है। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह द्वारा इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। कलेक्टर ने कुछ अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए हैं, कुछ अधिकारियों के खिलाफ पत्र लिखकर अप्रसन्नता जाहिर की है और कुछ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने संभाग आयुक्त और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है।

एक एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश 

कलेक्ट्रेट की लोकसेवा प्रबंधन शाखा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में लापरवाही साबित होने पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने नगर निगम के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी विक्रम सिंह तोमर व उद्यान अधीक्षक मुकेश बंसल एवं ऊर्जा विभाग के कनिष्ठ यंत्री सुमित झा की एक- एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के आदेश दिए हैं।

अप्रसन्नता जाहिर करते पत्र लिखे 

इसी तरह क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एच के सिंह, जिला योजना अधिकारी मुकेश चौरसिया, उप संचालक पशुपालन डॉ के एस बघेल, सहायक आयुक्त श्रम श्रीमती संध्या सिंह, बीआरसी राकेश शर्मा व खनिज निरीक्षक राजेश गंगेले के खिलाफ पत्र लिख कर अप्रसन्नता जाहिर की है।

अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव भेजे 

कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण के प्रति उदासीन 10 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए संभागीय आयुक्त दीपक सिंह को प्रस्ताव भेजे हैं। इन अधिकारियों में नायब तहसीलदार अनिल नरवरिया, कमल कोली, विजय त्यागी, दिव्य दर्शन शर्मा, मस्तराम गुर्जर व  रामप्रसाद बरेलिया, तहसीलदार सुरेश यादव, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्रीमती उषा शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास राहुल पाठक शामिल हैं।

इन निगम अधिकारियों के खिलाफ भी निर्देश 

इसी तरह नगर निगम के सिटी प्लानर पवन सिंघल एवं उपयंत्री के एस यादव व श्रीमती अभिलाषा बघेल के खिलाफ़ कार्रवाई के लिए कलेक्टर श्री सिंह ने नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह को पत्र के जरिए निर्देश दिए हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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