Gwalior News : नर्स की मासूम बेटी की हाईवे पर दर्दनाक मौत, CCTV में घटना कैद

Gwalior News : कल 15 अगस्त को जब देश आजादी के जश्न में डूबा था तब ग्वालियर के एक घर में मातम पसरा था, वजह ऐसी थी जिसे सुनकर किसी को भी विश्वास नहीं होगा, मात्र 23 महीने की एक मासूम रात के अंधेरे में बिस्तर से उठकर घर से निकल जाती है और फिर हाईवे पर पहुंच जाती है जहाँ उसे विशालकाय ट्रक अपनी चपेट में ले लेता है और भाग जाता है और बच्ची की वहीँ दर्दनाक मौत हो जाती है।

सुनने और पढ़ने में ये किसी फ़िल्म की कहानी जैसी लग रही है लेकिन ये हकीकत है मोहना थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे बसे ग्राम टीकला  में रहने वाले संदीप प्रजापति के घर की। संदीप अपने परिवार के साथ रहते हैं, उनकी पत्नी ग्वालियर में कैंसर अस्पताल में स्टाफ नर्स है, उनकी 23 महीने की बेटी को हाईवे पर एक ट्रक टक्कर मार का भाग गया और मासूम की दर्दनाक मौत हो गई।

घाटीगांव सर्किल के एसडीओपी संतोष पटेल ने बताया कि संदीप प्रजापति ने पुलिस थाने में रिपोर्ट की कि 14 अगस्त की रात उनकी 23 महीने की बेटी सानवी रोज की तरह अपने दादी दादा के साथ सो रही थी। रात को डेढ़ दो बजे  के करीब अचानक बच्ची उठी, उसने घर का मेनगेट खोला और बाहर निकल आई। धीरे धीरे वो हाईवे पर निकल गई।

शिकायत के बाद पुलिस ने बच्ची की खोजबीन शुरू की और सुबह होते होते उसका शव घर से कुछ दूरी पर हाईवे पर पड़ा दिखाई दिया, आसपास चैक करने पर एक घर में लगे सीसीटीवी में पूरा घटनाक्रम कैद हुआ, उसमें बच्ची घर से अकेली निकलते दिख रही है और फिर शिवपुरी तरफ से आ रहे एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी जिससे उसकी मौत हो गई।

एसडीओपी पटेल ने बताया कि घटनाक्रम के दौरान तीन संदिग्ध ट्रक नजर आये हैं जिनकी तलाश की जा रही है, उन्होंने कहा कि जल्दी ही ट्रक को जब्त कर लिया जायेगा, बच्ची बचपन से ही अपनी दादा दादी के पास रहती थी, उनका रो रो कर बुरा हाल है , बच्ची के ताऊ बलवीर प्रजापति मोहना में पार्षद हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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