Gwalior News : सौदे से पहले तस्कर गिरफ्तार, दो बैग में भरा डेढ़ लाख रुपये का गांजा बरामद

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर पुलिस ने एक तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास मौजूद दो बैग से 10 किलोग्राम से अधिक गांजा बरामद किया है, बरामद गांजे की कीमत 01 लाख 50 हजार रुपये बताई गई है, तस्कर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और यहाँ गांजे को बेचने आया था लेकिन उससे पहले ही पकड़ा गया

दर असल ग्वालियर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि एक गांजा तस्कर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरकर काले रंग के बैग टांगे हुए गाटर वाली पुलिया की तरफ गया है। सूचना मिलते ही एसपी ने एडिशनल एसपी  ऋषिकेश मीणा को थाना हजीरा पुलिस की टीम को सूचना की तस्दीक कर गांजा तस्कर को पकड़ने के निर्देश दिए।

काले रंग के दो बैग लिए दिखा संदिग्ध व्यक्ति 

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर  हजीरा थाना प्रभारी संतोष भदौरिया के नेतृत्व में पुलिस टीम मुखबिर के बताये गये स्थान गाटर वाली पुलिया के पास सूचना की तस्दीक के लिए पहुंची। पुलिस टीम को गाटर वाली पुलिया के पास मुखबिर के बताये हुलिया का एक व्यक्ति दो काले रंग के बैग लिए हुए मेला रोड तरफ से आता हुआ दिखाई दिया।

पुलिस ने पकड़ा, बैग में मिले गांजे के 10 पैकेट 

पुलिस टीम को देखकर उक्त व्यक्ति वापस जाने लगा, संदेह होने पर पुलिस टीम द्वारा उसे घेरांबदी कर दबोच लिया। पकड़े गये संदिग्ध ने पूछताछ में अपने आप को मंजेश विहार सौंक रोड, पालीखेड़ा, मथुरा (यूपी) का रहने वाला बताया। पुलिस ने  जब संदिग्ध के पास मिले दोनों बैगों की तलाशी ली तो उसमें 10 पैकेट मिले, जिन्हें खोलकर देखा गया तो उसमें गांजा भरा पाया गया।

डील से पहले पकड़ा डेढ़ लाख का गांजा 

पुलिस द्वारा तौल करने पर 10 किलो 340 ग्राम गांजा मिला जिसकी कीमत लगभग 01 लाख 50 हजार रुपये है, जब्त कर लिया।  गांजा तस्कर ने पूछताछ में बताया कि वह ट्रेन से उतरा था लेकिन रेलवे स्टेशन पर पुलिस की चैकिंग को देखकर पकड़े जाने के डर से वहां से भाग निकला था। पुलिस ने तस्कर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। तस्कर से पुलिस टीम गांजे के संबंध में पूछताछ कर रही है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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