Gwalior News : रात में गायब दिन में जलती है स्ट्रीट लाइट, तीन अधिकारियों के 5-5 दिन के वेतन काटने के आदेश

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर में अक्सर स्ट्रीट लाइट रात में गायब रहती है लेकिन दिन के उजाले में ये शहर की सड़कों को रोशन करती है अब इसे स्थानीय प्रशासन की अकर्मण्यता नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे? शिकायतों के बाद भी ग्वालियर नगर निगम और ग्वालियर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन अब मुख्यमंत्री की यात्रा से दो दिन पूर्व ऊर्जा मंत्री की फटकार के बाद तीन अधिकारियों के खिलाफ एक्शन हुआ है, इन अधिकारियों का पांच- पांच दिन का वेतन राजसात करने यानि काटने के आदेश दिए गए हैं।

तीन अधिकारियों के पांच पांच दिन का वेतन काटने के आदेश 

नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह ने अधीक्षण यंत्री विद्युत कीर्ति वर्धन मिश्रा एवं नोडल अधिकारी विद्युत रामबाबू दिनकर की लापरवाही के चलते दोनों अधिकारियों का 5-5 दिन का वेतन राजसात करने के आदेश दिए। कमिश्नर ने इन दो अधिकारियों के साथ ही स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री  सुबोध खरे का 5 दिवस का वेतन राजसात करने के लिए सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती नीतू माथुर को पत्र भेजा है।

निगम अफसरों को मिली लापरवाही की सजा 

नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह ने अधीक्षण यंत्री विद्युत कीर्ति वर्धन मिश्रा एवं नोडल अधिकारी विद्युत रामबाबू दिनकर पर कार्रवाई के आदेश में लिखा कि निरीक्षण के दौरान दिन के समय शहर की सड़कों पर स्ट्रीट लाइट जलती हुई दिखाई दी, ऐसा कई बार हुआ, जिसके बाद मौखिक रूप से और कारण बताओ नोटिस से भी निर्देशित किया गया लेकिन लापरवाही का सिलसिला जारी रहा, ऊर्जा मंत्री को भी निरीक्षण में ये लापरवाही दिखाई दी जिससे स्पष्ट होता है कि ये दोनों अधिकारी कार्य के प्रति सजग नहीं है लिहाजा इन दोनों अधिकारियों का 5-5 दिन का वेतन राजसात किये जाने के आदेश दिए जाते हैं।

स्मार्ट सिटी के अधिकारी पर भी कार्रवाई 

इसी तरह कमिश्नर ने आदेश में कहा कि  स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री सुबोध खरे को भी कई बार दिन में जलती स्ट्रीट लाइट के बारे में निर्देशित किया गया लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया, कमिश्नर ने खरे की लापरवाही के बारे में स्मार्ट सिटी सीईओ नीतू माथुर को पत्र लिखा है और खरे का 5 दिन का वेतन राजसात कर उन्हें सूचित करने का अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री के 10 सितंबर से पहले एक्शन में है स्थानीय प्रशासन 

इस समय इस कार्यवाही का होना समझ आता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का दौरा दो दिन बाद है वे 10 सितंबर को राज्य स्तरीय महिला हितग्राही सम्मेलन में शामिल होने ग्वालियर आ रहे हैं, प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चाहता और फिर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर तो ग्वालियर के ही हैं तो बिजली के मामले में तो लापरवाही स्वीकार ही नहीं होगी, बहरहाल  इन तीन अधिकारियों का पांच-पांच दिन का वेतन कमिश्नर के आदेश पर राजसात किया जा रहा है लेकिन ये क्या इस बात का भरोसा है कि अब से दिन में स्ट्रीट लाइट जलती दिखाई नहीं देंगी और रात को शहर की सड़कें रोशन रहेंगी?

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट   


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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