ईद -उल -अजहा में कोरोना के खात्मे और बारिश के लिए उठे हाथ, गले लग कर दी बधाई

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। अल्लाह के लिए हजरते इब्राहिम द्वारा अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान कर देने के मौके को याद करने के लिए मनाये जाने वाल ईद-उल-अजहा यानि बकरीद का त्यौहार ग्वालियर में भाईचारे के सन्देश का साथ मनाया गया । मस्जिदों और ईदगाहों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए निर्धारित संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। मुस्लिम समाज के लोगों ने अल्लाह से दुआ की कि हमारे मुल्क, हमारे सूबे और हमारे शहर में अमनो अमन रहे , खुशहाली रहे, कोरोना का खात्मा हो। ईदगाहों और मस्जिदों में खासतौर पर अच्छी बारिश के लिए भी दुआ की गई।

ग्वालियर में ईद -अउ-अजहा का त्यौहार भाईचारे और खुशहाली के साथ मना। मस्जिदों और ईदगाहों में तय समय पर ईद की नमाज अदा की गई। मौलाना, इमाम और अन्य धर्म गुरुओं ने लोगों के साथ मिलकर अल्लाह से दुआ की। मस्जिदों और ईदगाहों में इस बार कोरोना के खात्मे के लिए दुआ की गई।

ईद -उल -अजहा में कोरोना के खात्मे और बारिश के लिए उठे हाथ, गले लग कर दी बधाई

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ग्वालियर की मस्जिदों और ईदगाहों में मुस्लिम समाज के लोगों ने अमनो अमन की दुआ के साथ ग्वालियर अंचल में अच्छी बारिश के लिए भी दुआ की।  लोगों ने कहा कि बारिश कम होने से जहाँ किसान परेशान हैं वहीँ गर्मी से लोगों का बुरा हाल है। इसलिए अच्छी बारिश के लिए सभी ने दुआ में एक साथ हाथ उठाये।

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इस बार खास बात ये रही कि ईद की नमाज पढ़ते समय गृह मंत्रालय के नए आदेश का पालन किया गया। मस्जिदों में 50 से अधिक लोगों शामिल नहीं हुए तो ईदगाहों में 6 से अधिक लोग शामिल नहीं हुए। मुस्लिम समाज के लोगों ने गले लगकर एक दूसरे को ईद की बधाई दी और ये भी ताकीद किया कि कोरोना गाइड लाइन का पालन जरुर करे यही हमें कोरोना की तीसरी लहर से बचाएगी और जिंदगी रही तो ऐसे और भी त्यौहार मनाते रहेंगे।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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