ग्वालियर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन द्वारा मैरिज गार्डनों पर की जा रही कार्रवाई को फिलहाल हाईकोर्ट ने ही रोक दिया है। पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मैरिज गार्डन संचालकों को शादियों की बुकिंग की लिस्ट मांगी है साथ ही ये हिदायत भी दी है कि वे अगले सीजन की बुकिंग नहीं करेंगे।
मैरिज गार्डन संचालकों और शादी के लिए गार्डन बुक करने वाले माता पिता को हाईकोर्ट ने राहत प्रदान की है । मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मैरिज गार्डन संचालकों से शादी के मौसम में उनके द्वारा बुकिंग की गई शादियों की लिस्ट मांगी है जिससे जो शादियां पहले से गार्डन में बुक है वो बिना किसी बाधा के हो सकें। लेकिन अपने आदेश में कोर्ट ने ये हिदायत भी दी है कि मैरिज गार्डन संचालक अगले सीजन के लिए कोई बुकिंग नहीं करेगा। गौरतलब है कि 7 जनवरी को मैरिज गार्डन को लेकर हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि 2012 के पहले के मैरिज गार्डन को शादियों की अनुमति दी जाए लेकिन 2012 के बाद से रजिस्टर्ड ऐसे मैरिज गार्डन जिनका एरिया एक लाख वर्ग फुट से कम है उन्हें बंद कर दिया जाए। आदेश के बाद जिला प्रशासन ने करीब पांच दर्जन मैरिज गार्डन को नोटिस देकर बंद कर दिया था। गार्डन बंद होने और शादी की बुकिंग करने वालों की परेशानी को लेकर मैरिज गार्डन संचालकों की ओर से हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाई गई थी। जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई । सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया कि मैरिज गार्डन संचालक 20 जनवरी तक कोर्ट में अपने यहां की इस सीजन की शादियों की बुकिंग की लिस्ट पेश करें। उसके बाद आगे फैसला लिया जाएगा।